न्यूज़ डेस्क : नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली द्वारा देश के नए नक्शे को संविधान संशोधन कर संसद से पास करवाने की चाहत फिलहाल पूरी नहीं हो पाई है। नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी भारत के कुछ क्षेत्रों कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख को नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र में शामिल कर उसे संसद से पास करवाना चाह रही थी, जिसके लिए उसने बुधवार को संसद में प्रस्ताव रखने की तैयारी की थी और इसके लिए चर्चा भी निर्धारित की थी लेकिन अंतिम वक्त में इसे अनुसूची से बाहर कर दिया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में फिलहाल सरकार विपक्षी पार्टियों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाई है और देश के अन्य राजनीतिक दलों ने इस मसले पर राष्ट्रीय सहमति बनाए जाने का फैसला किया है। इस पूरे मामले को लेकर नेपाली पीएम ओली ने मंगलवार को नए नक्शे के मसले पर राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन राजनीतिक दलों में इस मसले पर एक राय नहीं बन पाई।
भारत के साथ सीमा विवाद तब शुरू हुआ जब भारत ने उत्तराखंड सीमा पर अपने क्षेत्र में धारचूला से लिपुलेख तक 80 किलोमीटर की नई सड़क का निर्माण किया, इसके बाद नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर समस्याओं का सामना कर रहे पीएम ओली ने काठमांडू में इसे लेकर हो रहे जोरदार विरोध प्रदर्शन को मौके के रूप में देखा और इसे भुनाने के लिए नए नक्शा बनाने का एलान कर दिया।।
ओली ने जनभावना को देखते हुए और पार्टी में अपनी स्थिति को मजबूत करने के इरादे से कुछ हफ्ते बाद ही लिपुलेख और कालापानी को नेपाली क्षेत्र के हिस्से में दिखाते हुए एक नए राजनीतिक मानचित्र बनाने की घोषणा कर दिया।
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