वनांचल में रहने वाली लड़कियो के लिये हिण्डालको महान द्वारा संचालित कम्प्युटर शिक्षा बनी जीवन रेखा

न्यूज़ डेस्क : हिण्डालको महान के सी0एस0आर0 विभाग द्वारा संचालित कम्प्यूटर प्रषिक्षण केन्द्रो में कम्प्यूटर की शिक्षा ने जीवन रेखा बदलने को मजबूर कर दिया। सुनीता, रेनू , माधुरी, ज्योती, रानी, रतन, अनामिका, सुषीला, अन्तिमा और आरती जैसी लड़कियो ने पढ़ाई के साथ-साथ कम्प्यूटर की षिक्षा लेनेे की ठानी।

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बाघाडीह जो शहर से पचास किलो मीटर दूर है जहां पर कम्प्यूटर की शिक्षा होना संभव नही था वहां पर हिण्डालको महान सी0एस0आर0 द्वारा कम्प्युटर षिक्षा केन्द्र का संचालन किया गया जिससे वहां की लड़कियो के लिये कम्प्यूटर शिक्षा पाना आसान हो गया। जो बाहर शिक्षा ग्रहण करने में स्वयं को असहाय महसूस कर रही थी, कम्प्यूटर  शिक्षा  केन्द्र के संचालन से इन लड़कियो ने इस केन्द्र में अपनी भरपूर रुचि दिखाई। वही लड़कियो ने पढ़ाई व अन्य प्रतियोगी परिक्षाओ के लिये आॅन लाइन फार्म भरने में होने वाली दिक्कत भी दूर हो गयी और अब वह स्वयं ही आॅन लाइन का काम कर लेती है। कल तक पैसो की मोहताज रेनू और माधूरी अब उनके खाते में आठ से दस हजार रुपये आ जाते है जिसे बचाकर अपने घर की हालात को भी ये लड़कियां बदलने लगी। इस तरह अब तक 15 लड़कियो ने कम्प्यूटर की पढ़ाई कर अपने जीवन के हालात बदलने में सफल हो गयी। वह कम्प्यूटर में पढ़ाई से लेकर उनसे जुड़ी हर प्रकार की जानकारी कम्प्यूटर के माध्यम से प्राप्त कर लेती है।

वही रेनू , माधवी, ज्योती व रानी ने अपने गांव में कियोस्क बैंक भी खोल लिया है जो उनके घर के लिये आय का साधन बन गया है। और इन लड़कियो को देखकर अन्य लड़कियां भी कम्प्यूटर  शिक्षा से अपने व्यवसाय को जोड़ने के लिये अवसर दे दिया है। वही गांव में अन्तिमा उसे कुछ भी जरुरत होती है वह आॅन लाइन सेवा से आर्डर कर मगा लेती है। कम्प्यूटर शिक्षा इन लड़कियो की जीवन रेखा बदलने में अहम भूमिका निभा रही है, और ड़िजिटल इण्डिया बनाने की मुहिम में मार्गदर्षी के रुप में कार्य कर रही है।

कम्प्यूटर शिक्षा प्राप्त की हुयी सभी लड़कियो ने हिण्डालको महान का धन्यवाद कर हिण्डालको द्वारा इस नेक कार्य की सराहना ही नही अपितु उनके अन्धवार जीवन में रोषनी लाने के लिये हिण्डालको महान ने अहम भूमिका निभायी है।  

 

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