रक्षा उपकरणों का देश में ही होगा निर्माण, एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी की

 न्यूज़ डेस्क : कोरोना के चलते लगातार नीचे जा रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पैकेज की चौथी किस्त पेश की। इसमें उन्होंने रक्षा उत्पादन को लेकर बड़ी घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत भारत कई किस्म के रक्षा उपकरणों का देश में ही निर्माण करेगा। 

 

एफडीआई सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी की : रक्षा उत्पादन क्षेत्र में ष्मेक इन इंडियाष् को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई उपायों की घोषणा की। उन्होंने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ;एफडीआईद्ध की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का एलान किया।

 

कई हथियारों का आयात प्रतिबंधित : वित्त मंत्री ने कहा कि कई हथियारों और मंचों के आयात पर प्रतिबंध रहेगा। आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए सीतारमण ने कहा कि आयात के लिए प्रतिबंधित उत्पादों की खरीद सिर्फ देश के भीतर की जा सकेगी।

 

सीतारमण ने कहा कि अभी आयात हो रहे कुछ कलपुर्जों का घरेलू उत्पादन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी।

 

आयुध कारखाना बोर्ड का निजीकरण नहीं : उन्होंने कहा कि बेहतर प्रबंधन के लिए आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाया जाएगा। बाद में इसे शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा। सीतारमण ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाने का यह मतलब नहीं है कि उसका निजीकरण किया जाएगा।

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