न्यूज़ डेस्क : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार सुबह 10:44 बजे निधन हो गया। उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव में मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सीएम योगी को जब इस बात की सूचना मिली तो उन्होंने अपनी मां को एक पत्र लिखा और बताया कि आखिर क्यों वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं आ सकते हैं। उन्होंने लिखा ‘अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख एवं शोक है। वह मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम और निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया।
अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परंतु वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध के कारण मैं न कर सका।
कल 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीय मां, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।’
पिता की मौत की सूचना के बाद भी बैठक रही जारी : योगी आदित्यनाथ कोरोना वायरस संकट पर कोर ग्रुप की बैठक रहे थे इतने में उन्हें सूचना मिलती है कि दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनके पिता का निधन हो गया है। बैठक उसी प्रकार 45 मिनट तक चलती रही और वह प्रदेश की स्थिति का जायजा लेते रहे और अधिकारियों को उससे निपटने के निर्देश देते रहे।
इसके बाद उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि कोटा से उत्तर प्रदेश लौटे सभी बच्चों को घर में रखना सुनिश्चित कराया जाए। इसके साथ ही सभी बच्चों के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराने के बाद उनको घर भेजा जाए। बैठक खत्म हुई और वह अधिकारियों को बताते रहे कि किस प्रकार से उन्हें कोरोना वायरस का सामना करना है। इस पूरे वाक्ये की जानकारी उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक द्वारा दी गई है।
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