न्यूज़ डेस्क : कोरोनो वायरस के मामले रोजाना बढ़ रहे हैं और ऐसे में एक स्वस्थ इम्युन सिस्टम होना समय की आवश्यकता है। लेकिन रोजाना की ऐसी कुछ आदतें हैं जो इम्युनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता को खत्म कर रही हैं और व्यक्ति को जोखिम में डाल सकती हैं। यहां सात ऐसी सामान्य गलतियों के बारे में बताया गया है जो इम्युन सिस्टम को कमजोर कर सकती हैं।
खुद के लिए समय न निकालना
तनाव का इम्यून सिस्टम के कामकाज पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अप्रैल 2012 में किए गए एक अध्ययन और प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को गंभीर तनाव का अनुभव हुआ, उनमें वायरस के संपर्क में आने के बाद सर्दी बढ़ने की आशंका अधिक थी।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो शरीर कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन, हार्मोन जारी करता है जो फागोसाइट्स और लिम्फोसाइटों को कम करता है। इन श्वेत रक्त कोशिकाओं की कम मात्रा शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए कमजोर बना देती है।
क्लिनिकल साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन ने सकारात्मक मानसिकता को एक मजबूत इम्यून सिस्टम से जोड़ा है। रिलेक्स रहने के लिए ध्यान करें, ऐसी गतिविधि के लिए अलग से समय निकालें जो खुशी दे।
प्रोसेस्ड फूड से लगाव
रिफाइंड कार्ब्स, चीनी और नमक से भरपूर आहार इम्यून सिस्टम को अपना काम करने के लिए दिक्कत दे सकते हैं। प्रोसेस्ड फूड्स आंत में गुड बैक्टीरिया पर हमला करते हैं, जिससे आंत बैड बैक्टीरिया के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाता है। हालांकि, कभी-कभार सोडा का सेवन फ्लू के जोखिम नहीं बढ़ाएगा, लेकिन यदि इसे नियमित रूप से कर रहे हैं, तो यह इम्यून सिस्टम पर असर डाल सकता है। मार्च 2020 में किए गए और साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित हुए अध्ययन के मुताबिक ज्यादा नमक वाला आहार खाने से शरीर में बैक्टीरिया को मारने की क्षमता क्षीण हो सकती है।
विटामिन डी और घुलनशील फाइबर संक्रमण से लड़ने वाली टी कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं। अपने भोजन में प्याज, लहसुन और अदरक को शामिल करने से भी मदद मिल सकती है।
पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं
यदि छह से आठ घंटे की नींद लेने की सलाह नहीं मानते हैं, तो यह इम्यूनसिस्टम पर भारी पड़ सकता है। जब सोते हैं, तो शरीर साइटोकिन्स जारी करता है जो कि एक प्रोटीन है और वह शरीर को संक्रमण व सूजन से बचाता है। यदि सोते नहीं हैं, तो शरीर पर्याप्त साइटोकिन्स का उत्पादन नहीं कर सकता है, जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है।
नियमित रूप से शराब का सेवन
नियमित रूप से शराब पीने से इम्यून सिस्टम को नुकसान हो सकता है। एल्कोहल आंत में स्वस्थ और अस्वास्थ्यकर बैक्टीरिया के बीच संतुलन को बिगाड़ती है। यह स्वस्थ जीवाणुओं को दूर करती है, तो अधिक बैड बैक्टीरिया रक्तप्रवाह से गुजरते हैं, जिससे लिवर की सूजन हो सकती है। एल्कोहल की कोई भी मात्रा इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती है।
तंबाकू का सेवन
किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन श्वसन संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकता है। धूम्रपान के कारण शरीर अत्यधिक म्यूकस पैदा करता है, जो वायुमार्ग को संकरा करता है और आपके फेफड़ों के विषाक्त पदार्थों को साफ करने में कठिनाई पैदा करता है। जब शरीर तंबाकू द्वारा छोड़े गए रसायनों को हटाने के लिए दो बार काम कर रहा होता है, तो संक्रमण से लड़ने की क्षमता से समझौता किया जाता है। इतना ही नहीं, धूम्रपान खून में एंटीऑक्सीडेंट को भी कम करता है। इससे बचने का एकमात्र तरीका है धूम्रपान को ना कहें।
नियमित रूप से व्यायाम न करना
फ्रंटियर्स ऑफ इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित एक रिव्यू के मुताबिक नियमित रूप से काम करना इम्युनिटी को बढ़ाता है। व्यायाम एंटीबॉडी और सफेद रक्त कोशिकाओं दोनों को बढ़ाता है, जो शरीर को संक्रमण को टारगेट करने और इसे प्रभावी ढंग से लड़ने की अनुमति देता है।
नियमित व्यायाम से हानिकारक तनाव हार्मोन को दूर करने में मदद मिल सकती है। व्यायाम शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन के रीलिज को धीमा कर देता है, बैक्टीरिया और वायरल बीमारी से बचाता है।
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