जीवन वही कीमती है जो दूसरो के काम आये- आचार्य श्री राहुल कृष्ण जी शास्त्री

न्यूज़ डेस्क : पितरेश्वर धाम में आजकथा का छठवा दिन है यहाँ हर दिन भक्तो का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है आचार्य श्री राहुल कृष्ण जी शास्त्री ने कहा इंदौर स्वछता के साथ-साथ अब भक्ति में भी नंबर 1 हो गया है इंदौर में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन यहाँ कथा और भंडारे के आयोजन नहीं होते. लोग इंदौर में खजराना गणेश मंदिर, रणजीत बाबा, विद्याधाम, विजासन माता के दर्शन करने आया करते है और अब लोग पितरेश्वर धाम के दर्शन करने भी आया करेंगे.

 

आचार्य श्री राहुल कृष्ण जी शास्त्री ने कहा पितरेश्वरधाम साक्षात् हनुमंत धाम बन चुका है, ऐसा प्रतीत होता है की हनुमान जी की ही इच्छा थी की पहले मैं श्रीमद भागवत कथा सुनना चाहता हूँ उसके बाद श्री राम कथा सुनूंगा.

 

पितरेश्वरधाम में भव्य शोभायात्रा का आयोजन 24 फरवरी 2020 को किया गया है जो श्री विद्याधाम से प्रारम्भ हो कर पितरेश्वर धाम तक आएगी. साथ ही यहाँ अतिरुद्र महायज्ञ भी होने वाला है इस महायज्ञ में सभी सुहागन महिलाएं अपना योगदान दे सकती है क्योंकी इतना बड़ा यज्ञ किसी अकेले के बस की बात नहीं है. जैसे की पितरेश्वरधाम में गाय माता के पवित्र गोबर की भी व्यस्था की गयी है और यज्ञ के लिए महिलाएं हर दिन अपना विशेष योगदान दे सकती है.

 

आगे आचार्य श्री ने कथा में चारों आश्रम जिसमें पहला ब्रह्मचर्य आश्रम, दूसरा गृहस्थ आश्रम, तीसरा वान्प्रस्त आश्रम और चौथा सन्यास आश्रम का वर्णन किया.

 

महाशिवरात्रि के मौके पर आचार्य श्री ने बताया की जीवन वही कीमती है जो दूसरो के काम आये इसका अर्थ समझाने के लिए उन्होंने एक घटना का वर्णन किया – एक बार भगवान् शिव शंकर समाधिस्थ हो गये थे पर देवताओं के काम सिद्ध कराने के लिए कामदेव ने शंकर भगवान् को समाधी में से उठाने के लिए उन पर बाण चला दिया था और वो जानते थे शिव को समाधी से उठाने पर वो खुद नष्ट हो जाएँगे और अंत में ऐसा ही हुआ भगवान शिव की तीसरी आंख खुलने से से जो क्रोध उत्पन्न हुआ उस क्रोध से कामदेव की मृत्यु हो गयी, देवताओं के लिए कामदेव ने अपना जीवन त्याग दिया और बाद में कामदेव ने श्री कृष्ण के पुत्र के रूप में जन्म लिया.

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