यह उपाय अपना कर आप बच सकते है ऑनलाइन फ्रॉड से

न्यूज़ डेस्क :  अधिकतर काम हम आनलाइन कर रहे हैं। हालांकि ऐसा करते वक्त सतर्क रहना बेहद जरूरी है। कइ बार छोटी-सी लापरवाही आपको बड़ी चोट पहुंचा सकती है। कई बार जेब ढीली हो जाती है तो कई बार निजी डाटा सार्वजनिक हो जाता है। डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए गूगल ने आठ उपाय सुझाएं हैं। आइए जानते हैं।

 

खाते की सुरक्षा होगी मजबूत : यह सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर या ईमेल पता आपके खाते से जुड़ा हुआ हो। यह इसलिए क्योंकि किसी संदिग्ध गतिविधि में आपके मोबाइल नंबर पर आपको अलर्ट मिलेगा। ऐसे में जीमेल या किसी अन्य अकाउंट में मोबाइल नंबर जरूर जोड़ें।

 

पासवर्ड मैनेजर की लें मदद : गूगल के हिसाब से, एक औसत व्यक्ति 120 से अधिक पासवर्ड को मैनेज करने में परेशान रहता है। कई बार उसे पासवर्ड रीसेट करना पड़ता है। ऐसे में पासवर्ड मैनेजर की आपकी मदद कर सकता है। पासवर्ड मैनेजर मजूबत पासवर्ड बनाने के अलावा पासवर्ड को याद रखने में भी आपकी मदद करता है।

 

सॉफ्टवेयर करें अपडेट : अक्सर मोबाइल या लैपटॉप के सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिए नोटिफिकेशन जारी होते हैं जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं। इसलिए जरूरी है कि इन्हें समय-समय पर अपडेट करते रहें। एप्स, ब्राउजर और अन्य सभी सॉफ्टवेयर को अपडेट रखना महत्वपूर्ण है। इनको अनदेखा या देरी करने से आप नए वायरस के हमलों और अन्य ऑनलाइन खतरों की चपेट में आ जाते हैं।

 

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन : डिजिटल दुनिया में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन काफी महत्वपूर्ण है। टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन होने के बाद जब भी आप किसी नई डिवाइस पर लॉगिन करते हैं तो आपके मोबाइल नंबर पर एक कोड आता है और उसके बाद ही लॉगिन होता है। ऐसे में आपका अकाउंट पूरी तरह से सुरक्षित रहता है।

 

सिक्योरिटी चेकअप टूल से परखें सुरक्षा : गूगल के पास सिक्योरिटी चेकअप टूल है। आप इसका उपयोग यह जानने के लिए कर सकते हैं कि आपका कोई पासवर्ड हैक हुआ है या नहीं। यह आपके द्वारा साइन-इन किए गए डिवाइस, हालिया सुरक्षा ईवेंट, आपके रिपीट पासवर्ड और बहुत कुछ दिखाता है।

 

थर्ड पार्टी एप इंस्टॉल करने से बचें : गूगल प्ले-स्टोर या एपल के एप स्टोर के अलावा थर्ड पार्टी एप स्टोर से एप को इंस्टॉल ना करें, क्योंकि इससे डाटा लीक का खतरा रहता है।

 

लॉग आउट करना न भूलें : अक्सर हम अकाउंट को लॉग इन करने के बाद लंबे समय तक उपयोग न होने के बावजूद उसे लॉग आउट करना भूल जाते हैं। लॉग आउट ना होने की स्थिति में अवैध गतिविधियां बढने की आशंका बढ़ जाती है।

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