दाउदी बोहरा समाज का एजुकेशन फेयर

इंदौर 15 फरवरी 2020  । दाउदी बोहरा समाज इंदौर ने सैफी नगर में एजुकेशन फेयर ‘कुनुज’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण से लेकर विभिन्न मुद्दों की जानकारी दी गई। दरअसरल ‘कुनुज’ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है “खजाना”। पिछले 10 से 12 सालों से ज्ञान के खजाने के तौर पर दाउदी बोहरा समाज की महिलाएं “कुनुज” प्रोग्राम चला रही है, जिसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण है।

 

इसी प्रोग्राम के तहत शनिवार को “कुनुज ट्रेजर ऑफ़ नालेज एजुकेशन फेयर” में महिलाओं ने कई कहानियां बताई। उक्त कार्यक्रम में कुनुज प्रोग्राम के सक्रिय 100 से ज्यादा महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। बुरहानी गार्ड्स वूमेन ने इस आयोजन में सहयोग किया। सैफी नगर मस्जिद में हुए इस कार्यक्रम में 3 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुई। 

 

इस एजुकेशन फेयर का मुख्य उद्देश्य सैयदना साहब के संदेशों को लोगों तक पहुँचाना था। हाल ही में कोलंबो में हुई सैयदना साहब के विचारों को 10 कहानियों के रूप में बताने की कोशिश की गई। सैयदना साहब हमेशा अपने संदेशों के जरिए समाज के लोगों को अपनी परंपराओं को कायम रखते हुए समय के साथ नई तकनीकों को अपनाने और महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करते हैं। महिलाओं ने उनके संदेशों को बहुत रोचक तरीके से कहानियों में पिरोकर इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।

 

बच्चों के लिए सबसे बड़ी शिक्षक मां : शेख अदनान जमाली ने कहा कि महिलाएं खासतौर पर बच्चों से हर वक्त जुड़ी रहती है। एक मां किसी भी बच्चे के लिए सबसे बड़ी शिक्षक होती है। महिलाएं बच्चों को शिक्षा से लेकर समाज और नैतिक ज्ञान से जुड़ी हर बात की जानकरी आसान तरीके से बता सकती है। ह्यूमन लाइब्रेरी से आज महिलाएं सैयदना साहब के विचारों को आसान तरीके से नई पीढ़ी तक पहुंचा सकती है। ह्यूमन लाइब्रेरी कंसेप्ट से खासतौर पर महिलाएं एक लाइव बुक्स की तरह संदेश दे रही है। इसमें महिलाओं ने अपने विचारों, नैतिकताओं, प्रतिभाओं, व्यवसायिक कौशल,  युक्तियों और रचनात्मकता को एक-दूसरे से साझा किया। महिला सशक्तिकरण के साथ बच्चों को नैतिक शिक्षा देना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। इसमें छोटी कहानियों के जरिए बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई।

 

आसान माध्यम से विचारों को पहुंचाने की जरूरत: उन्होंने कहा कि हर समाज और धर्म में आज महिलाएं कई क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर रही है। सैयदना साहब ने एक विजन दिया कि अपनी परंपराओं के साथ रहते हुए नए विचारों को अपनाएं और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दिया जाए। आज महिलाएं हर क्षेत्र में इतनी आगे बढ़े कि उनका केवल समाज नहीं दुनिया में हर क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करें। आज महिलाएं शिक्षा, पोषण, पालन-पोषण, सौंदर्य, उद्यमिता और पाककला जैसे कई क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रही है। ये महिलाएं अपने अनुभव और ज्ञान से अन्य महिलाओं का मार्गदर्शन करके उनकी प्रेरणा बन सकती है। महिलाएं ही अपनी सफलता की कहानी के जरिए दूसरे महिलाओं में एक जागृति पैदा करें। महिलाओं ने ह्यूमन लाइब्रेरी के जरिए हर मुद्दे को बेहतर तरीके से दूसरों को बताने की कोशिश की है।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रोजमर्रा के जीवन से जुड़े हर विषय के साथ ही सैयदना साहब के विचारो को आसान माध्यम से बताना है।

 

फ़ूडजोन और ट्रेड फेयर भी : कार्यक्रम के दौरान महिलाओं द्वारा लघु उद्योग के रूप में बनाये जा रहे उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए आकर्षक स्टॉल्स भी लगाए। इसका उद्देश्य महिलाओं को नेटवर्किंग करने में मदद करना भी था। इसके साथ ही यहाँ फ़ूड जोन भी बनाया गया था, जहाँ कई तरह के लज़ीज़ व्यजनों के साथ ही बच्चों के लिए मनोरंजक गतिविधियां भी रखी गई थी।

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