श्री पितरेश्वर हनुमान धाम के 19 दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में बहेगी, धर्म, अध्यात्म और ज्ञान की त्रिवेणी

  • इंदौर भें लगेगा मिनी कुम्भ, संत के सान्निध्य  में विश्व को आध्यात्मिक चेतना का संदेश देंगे
  •   श्री पितरेश्वर हनुमान धाम, भव्य कलश-यात्रा में शामित्र होंगी एक लाख महिलाएं

इंदौर, फरवरी 2020 । श्री पितरेश्वर हनुमान धाम पर विराजित हनुमानजी की दिव्य और विराट प्रतिमा ना सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे विश्व मेँ धार्मिक और अध्यात्मिक चेतना का सन्देश देगी | श्री पितरेश्वर हनुमान धाम का 19 दिवसीय दिव्य प्राण-प्रतिष्ठा समारोह शुक्रवार  14 फरवरी से शुरू हीकर 3 मार्च तक चलेगा | परम पूज्य महामंडलेश्वर साध्वी  कनकेशवरी देवी श्री श्री विद्याधाम के परमपूज्य संत महामंडलेश्वर श्री चिन्मयानद जे सरस्वती महाराज और परमपूज्य संत, श्री उत्तम स्वामी जी के मार्गदर्शन में होने वाले इस समारोह में देश विदेश के कई साधु-संत  और महात्मा उपस्थित रहेंगे | यह जानकारी श्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक पत्रकार वार्ता  में दी |

 

 

श्री विजयवर्गीय ने बताया कि हनुमान जी, साधु- संतों और पितरों के आशीर्वाद से अष्टधातु से निर्मित इस दिव्य और विराट प्रतिमा की स्थापना का संकल्प पूर्ण हो सका है | प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तहत 14 फरवरी से आचार्य श्री राहुल कृष्ण जी शास्त्री श्री पितरेश्वर धाम पर भागवत कथा करेंगे | भागवत का ये आयोजन 22  फ़रवरी तक चलेगा |

 

24 फ़रवरी को श्री श्री विदयाधाम से  श्री पित्वेश्वर धाम तक भव्य शोभा यात्रा निकलेगी, इसमें एक  लाख   महिलाएं पारंपरिक वस्त्र  धारण कर सर पर कलश लेकर चलेंगी l

 

समारोह के तहत परम पूज्य साध्वी कन्क्केश्वरी देवी 24 फ़रवरी से शिवपुराण तथा  ब्रम्हऋषि  श्री उत्तम सव्मीजी महाराज श्री राम कथा का वाचन करेंगे |

 

इसीके साथ महामंडलेश्वर श्री चिन्मयान्नंद जी सरस्वती महाराज के  सान्निध्य में 9 दिवस्य अतिरूद्र  महायज्ञ का आयोजन भी होगा |

 

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि समारोह के तहत पितरेश्वर धाम पर प्रतिदिन सुबह से शाम तक सुन्दर काण्ड का पाठ का सिलिसिला शुरू हो गया हैl 19 दिनों में रामायण मडल और श्रद्धालुओं द्वारा सुन्दरकाण्ड के कुल सवा लाख पाठ किए जाएंगे | संभवतः ये पहला अवसर है जब एक साथ एक ही स्थान पर इतने दिव्य आयोजन  होंगे |

 

समारोह की पूर्णाहुति 03 मार्च को नगर भोज के साथ होगी,  आपने कहा कि पितृ पर्वत से इंदौर के हजारों लोगों की आत्मीयता और आस्था पहले से जडी हुई है, यहाँ शहर के लोगौ ने पाँधों के रूप में अपने पूर्वजों की स्मृति को संजोया हुआ है l इसलिए ये तीथे एक धाम की तरह हो गया है जहा श्रद्धालओं को परमेश्वर प्रकति और पित तीनों का आशीष मिल सकेगा और जहां की चेतना पूरे  विश्व को आलोकित करेगी |

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