न्यूज़ डेस्क : दिल्ली विधानसभा चुनावों में फिर से एक भी सीट हासिल नहीं करने वाली कांग्रेस पर अब अपने ही सवाल उठाने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी को बदलना होगा।
सिंधिया ने कहा, ‘हमारी पार्टी के लिए यह बहुत ही निराशाजनक है। नई विचारधारा और नई कार्यप्रणाली की आपात जरूरत है। देश बदल गया है, इसलिए हमें भी नए तरीके से सोचना होगा और देश के लोगों से संपर्क करना होगा।’
गौरतलब हो कि उनसे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको पर सवाल खड़े किए थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के अंदर की कलह खुलकर सामने आने लगी।
मंगलवार को नतीजे आने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद बुधवार दोपहर कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम के बयान पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बंद करने की सलाह दे डाली।
सिब्बल बोले- चेहरे की थी कमी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस के पास दिल्ली में प्रोजेक्ट करने के लिए चेहरे की कमी थी। यह पार्टी का अंदरूनी मुद्दा है। हम इस पर गौर करेंगे और इसका जल्द से जल्द समाधान करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान पर आगे कहा था कि दिल्ली ने भाजपा को जबरदस्त झटका दिया है और उनकी हार अब नहीं रुकेगी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम से पूछा- केजरीवाल की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं?
आम आदमी पार्टी (आप) की जीत को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम द्वारा विपक्ष का हौसला बढ़ाने वाला परिणाम करार दिए जाने पर उनकी ही पार्टी की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस ने भाजपा को पराजित करने का काम क्षेत्रीय दलों को आउटसोर्स कर दिया है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (पीसीसी) को अपनी दुकान बंद कर देना चाहिए।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रमुख शर्मिष्ठा ने चिदंबरम के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा था कि सर, पूरे सम्मान के साथ कहना चाहती हूं कि क्या कांग्रेस ने भाजपा को पराजित करने के लिए प्रादेशिक स्तर के दलों को आउटसोर्स कर रखा है? अगर ऐसा नहीं है तो हम अपनी करारी शिकस्त के बारे में चिंता करने की बजाय आम आदमी पार्टी की जीत पर खुशी क्यों मना रहे हैं? और अगर यह ‘हां’ है तो फिर हमें (पीसीसी) दुकान बंद कर देनी चाहिए।
दरअसल, चिदंबरम ने ट्वीट किया था, ‘अगर मतदाता उन राज्यों के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां से वे आए थे, तो दिल्ली का मत विपक्ष का यह विश्वास बढ़ाने वाला है कि भाजपा को हर राज्य में हराया जा सकता है। दिल्ली का वोट राज्य विशेष के वोट की तुलना में अखिल भारतीय वोट है क्योंकि दिल्ली एक मिनी इंडिया है।’
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