न्यूज़ डेस्क : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को किसानों पर केंद्रित सामाजिक सुरक्षा की सबसे बड़ी योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 2.29 लाख खाताधारक व सहखाताधारक किसानों के साथ उनके आश्रित व बटाईदार शामिल हैं।
प्रत्येक किसान परिवार में औसत कम से कम पांच सदस्य शामिल मानने पर योजना के दायरे में करीब 10 करोड़ से अधिक किसान परिवार आएंगे। इसमें बटाईदारों की संख्या शामिल नहीं है। किसानों व बटाईदारों के आश्रितों को दुर्घटना में मृत्यु पर पांच लाख रुपये मुआवजा व दिव्यांग होने पर लाभार्थी को 1.25 लाख से 5 लाख रुपये तक सहायता दी जाएगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पूर्व से लागू मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना में केवल खतौनी में दर्ज खातधारक व सह खातेदारकिसान शामिल थे। बीमा कंपनियों को जो प्रीमियम अदा किया जा रहा था, किसानों को उतना भी लाभ नहीं मिल पा रहा था।
एक वित्तीय वर्ष में बीमा कंपनियों को 675 करोड़ प्रीमियम दिया गया लेकिन किसानों को 200 करोड़ भी नहीं मिला। सरकार ने बीमा कंपनियों से योजना संचालन की व्यवस्था खत्म कर दी है। अब इसका संचालन जिलाधिकारियों के स्तर से होगा। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस योजना में किसानों के साथ उनके आश्रितों व बटाईदारों को शामिल किया गया है। योजना के दायरे में 18 से 70 वर्ष वाले किसान, आश्रित व बटाईदार आएंगे।
पात्रता के दायरे में ये आएंगे
– प्रदेश के ऐसे समस्त खातेदार-सह खातेदार किसान जिनकी दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है या दिव्यांग हो जाते हैं।
– खातेदार व सह खातेदार किसानों के ऐसे माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्र-वधू, पौत्र-पौत्री जिनकी जीविका का मुख्य साधन खातेदारों व सहखातेदारों के नाम दर्ज भूमि से होने वाली कृषि आय है।
– भूमिहीन किसान जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर खेती करते हैं। पट्टेदारों में असामी पट्टेदार, सरकारी पट्टेदार व निजी पट्टेदार शामिल होंगे।
– ऐसे भूमिहीन किसान जो बटाई पर कृषि कार्य करते हैं और जिनकी जीविका का मुख्य साधन कृषि है।
दुर्घटना के दायरे में ये घटनाएं होंगी शामिल
– आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने
– सांप काटने, जीव-जंतु व जानवर के काटने, मारने व आक्रमण से
– समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने से
– आंधी-तूफान, वृक्ष से गिरने, दबने व मकान गिरने
– रेल, सड़क, हवाई व अन्य वाहन आदि से दुर्घटना
– भू-स्खलन, भूकंप, गैस रिसाव, विस्फोट
– सीवर चैंबर में गिरना
– किसी अन्य कारण से कृषक की अप्राकृतिक मृत्यु व दिव्यांगता पर किसान, उसके विधिक वारिस को आर्थिक सहायता दी जा सकेगी।
इस तरह 5 लाख रुपये तक आर्थिक सहायता का प्रस्ताव
दुर्घटना का कारण देय धनराशि
मृत्यु अथवा पूर्ण शारीरिक अक्षमता 100 प्रतिशत
दोनों हाथ अथवा दोनों पैर अथवा दोनों आंख की क्षति 100 प्रतिशत
एक हाथ तथा एक पैर की क्षति 100 प्रतिशत
एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति 50 प्रतिशत
स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक लेकिन 100 प्रतिशत से कम 50 प्रतिशत
स्थायी दिव्यांगता 25 प्रतिशत से अधिक लेकिन 50 प्रतिशत से कम 25 प्रतिशत
लाभार्थी को पूर्ण सुरक्षा का प्राविधान :
यदि लाभार्थी मृत्यु के दिन पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना में बीमित है या राज्य आपदा मोचक निधि से कोई धनराशि प्राप्त होती है तो वारिस या स्वयं किसान को इन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त सहायता की राशि को समायोजित कर अंतर की धनराशि कृषक कल्याण योजना से दी जाएगी। पीएम जीवन ज्योति व पीएम सुरक्षा बीमा योजना में 4-4 लाख की व्यवस्था है।
इसी तरह राज्य आपदा मोचक निधि से भी अधिकतम 4 लाख रुपये मदद की व्यवस्था है। अर्थात इन योजनाओं से चार लाख रुपये दिए जाएंगे। बाकी एक लाख रुपये कृषक कल्याण योजना से मिलेगी। हालांकि यदि दुर्घटनावश दिव्यांगता की स्थिति होगी तो दी जाने वाली पूरी रकम इसी योजना से दी जाएगी।
पूरी व्यवस्था होगी ऑनलाइन
योजना पारदर्शी तरीके से लागू हो इसके लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे लेकिन मैनुअल आवेदन का विकल्प खुला रखा जाएगा। घटना के 45 दिन के भीतर आवेदन करना होगा। एक माह में इसकी मंजूरी दी जाएगी। जिलाधिकारी अपरिहार्य परिस्थितियों में आवेदन के लिए एक महीने का समय बढ़ा सकेंगे।
प्रदेश में खाताधारक किसानों की स्थिति :
– एक हेक्टेयर से कम जोत वाले सीमांत किसान 1.91 करोड़
– 1 से दो हेक्टेयर वाले लघु किसान 30.08 लाख
– मध्यम किसान दो से 10 हेक्टेयर वाले 16.91 लाख
– 10 हेक्टेयर से अधिक बड़ी जोत वाले 23 हजार
कुल किसानों की संख्या 2 करोड़ 38 लाख 22 हजार
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