ड्रोन रखने वाले नागरिकों को 31 जनवरी तक करवाना होगा पंजीकरण, वर्ना होगी कानूनी कार्रवाई

न्यूज़ डेस्क : भारत के उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन रखने वाले नागरिकों को 31 जनवरी तक पंजीकरण करवाने के लिए कहा है। साथ ही चेताया है कि इसके गैर पंजीकृत ड्रोन व उनके ऑपरेटरों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी सेना द्वारा ड्रोन का उपयोग कर की गई हत्या के बाद यह सख्ती कर रही है।

 

मंत्रालय के अनुसार बड़ी संख्या में ड्रोन और ड्रोन ऑपरेटर नागरिक उड़ान अनिवार्यताओं (सीएआर) का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में एक अवसर दिया जा रहा है कि वे अपना व अपने ड्रोन का स्वैच्छिक खुलासा 31 जनवरी तक ऑनलाइन पंजीकरण से करें। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुलेमानी की हत्या अमेरिकी मिलिट्री ड्रोन से दागी गई मिसाइलों से करने के बाद यह कदम उठाए जा रहे हैं।

तीन जनवरी को सुलेमानी के काफिले को इराक के बगदाद हवाईअड्डे के बाहर मिसाइलों से उड़ा दिया गया था। वहीं ब्रिटेन में कुछ लोगों द्वारा खतरनाक ढंग से ड्रोन उड़ाने पर गेटविक हवाई अड्डा 19 से 21 दिसंबर 2018 तक बंद रखा गया। इससे एक हजार उड़ानें रद हुई थीं।

निर्देश में यह भी : 

मंत्रालय ने कहा कि पंजीकरण पर ड्रोन स्वीकृति संख्या (डीएएन) व स्वामित्व स्वीकृति नंबर (ओएएन) दिए जाएंगे। यही ड्रोन व ऑपरेटर वैध माने जाएंगे। इन्हें ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं माना जाए, उसके लिए डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी। वहीं बिना नंबर ड्रोन रखने पर कानूनी कार्रवाई होगी


60 हजार अनाधिकृत ड्रोन : 

उद्योग संगठन फिक्की की ड्रोन समिति के सहअध्यक्ष अंकित मेहता का अनुमान है कि भारत में 50 हजार से 60 हजार अनाधिकृत ड्रोन हैं।

 

सजा : 

आईपीसी 287, 336, 337 338  : अपनी लापरवाही व मशीनों के दुरुपयोग से मानव जीवन पर संकट पैदा करने या नुकसान पहुंचाने पर छह महीने से दो साल तक जेल व जुर्माना।


अगस्त 2018 से हैं नियम : 

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 27 अगस्त 2018 को सीएआर जारी किया था जिसमें ड्रोन को यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) व अनमैन्ड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट (यूएओपी) दिए जाते हैं। नो परमिट नो टेकऑफ नियम के तहत ड्रोन उड़ाने से पहले ऑपरेटर को डीजीसीए के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर डिजीस्काई से अनुमति लेनी होती है।

 

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