न्यूज़ डेस्क : रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना के बेड़े में 200 लड़ाकू विमानों को शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। वायुसेना को जल्द ही 200 नए लड़ाकू विमान मिलेंगे। इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एचएएल वायुसेना को 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस मार्क 1 बनाकर देगा।
रक्षा सचिव अजय कुमार ने रविवार को बताया कि 200 लड़ाकू विमानों को हासिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। एचएएल 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बनाकर देगा। भारतीय वायुसेना के कम होते विमानों को देखते हुए सरकार ने करीब 200 विमानों को खरीदने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
अजय कुमार ने कहा कि एचएएल निर्मित 83 एलसीए तेजस मार्क 1 ए उन्नत लड़ाकू विमानों के लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अलावा 110 अन्य विमानों के लिए अभिरूचि पत्र (ईओआई) जारी किया गया है जिसके आधार पर अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) जारी किया जाएगा।
रक्षा सचिव ने भारतीय तट रक्षक पोत को बल में शामिल करने के इतर पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हम 83 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) मार्क 1 ए की निविदा को अंतिम रूप देने के प्रक्रिया में हैं। ये उन्नत लड़ाकू विमान हैं जो भारत की त्वरित जरूरतों को पूरा करेंगे।
संभावित समय के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से इस साल करार पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। उन्होंने कहा हम इसे जल्द से जल्द करना चाहते हैं। इसके डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकारी कंपनी एचएएल एलसीए मार्क वन ए का उत्पादन सालाना 8 से 16 करेगी।
मिग 27 के अंमित बेड़े को वायुसेना से हटाया : वायुसेना के स्टॉक में अभी सुखोई 30 एमकेआई, मिराज 2000, मिग 29, पुराने जगुआर और मिग 21 बिसन लड़ाकू विमान शामिल हैं। 1999 के करगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मिग 27 के सात विमानों के अंतिम बेड़े को 27 दिसंबर को वायुसेना से हटा दिया गया था।
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