तख्तापलट की आशंका के कारण पूर्व मे नहीं थी सीडीएस की नियुक्ति

न्यूज़ डेस्क : पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉय चौधरी ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) की नियुक्ति का स्वागत किया है। उन्होंने इस कदम का स्वागत करते हुए बुधवार को कहा कि यह पहले नहीं किया गया क्योंकि तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्वों को तख्तापलट की आशंका थी।

 

उन्होंने कहा कि सीडीएस की नियुक्ति काफी समय से लंबित थी और सेना के तीनों अंग (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) इस पद को सृजित किए जाने के पक्ष में थे ताकि थल सेना, नौसेना और वायुसेना एक कमान के तहत आ सकें, लेकिन समस्या राजनीतिक थी।

रॉय चौधरी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि थल सेना, नौसेना और वायुसेना को एक कमान के तहत लाए जाने की स्थिति में तख्तापलट की आशंका पूर्व के राजनीतिक नेतृत्वों में गहराई से समाई हुई थी। यही कारण है कि सीडीएस का पद सृजित नहीं किया गया था। 

रॉय चौधरी ने कहा कि सेना इस देश में हमेशा ही असैन्य प्राधिकारों के अधीनस्थ रही है लेकिन बलों को एक कमान के तहत लाए जाने पर तख्तापलट हो जाने की निराधार आशंका ने तत्कालीन नेतृत्वों को इस पर फैसला लेने से रोक दिया। यह एकमात्र कारण है कि देश में अब तक सीडीएस नहीं थे। 

बता दें कि 31 दिसंबर को थल सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए जनरल बिपिन रावत ने अगले ही दिन भारत के प्रथम सीडीएस के तौर पर प्रभार संभाला था।

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