न्यूज़ डेस्क : अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के जनाजा जुलूस में मंगलवार को भगदड़ मचने से 50 लोगों की मौत हो गई और 48 लोग घायल हुए। सुलेमानी को उनके गृह नगर करमान में मंगलवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। ईरान के सरकारी टीवी चैनल के मुताबिक इस दौरान कमरान की सड़कों पर अपने कमांडर को अंतिम विदाई देने के लिए दस लाख लोगों का हुजूम सड़क पर उतरा था।
सरकारी टीवी चैनल ने ईरान के आपात चिकित्सा सेवा के प्रमुख पीरहुसैन कुलीवंद के हवाले से भगदड़ की पुष्टि की है। कुलीवंद ने कहा कि कुछ लोग घायल हुए हैं और कुछ की मौत हुई। हालांकि उन्होंने मृतकों की संख्या स्पष्ट नहीं की।
जबकि टीवी चैनल ने ऑनलाइन खबर में मृतकों की संख्या बताई है लेकिन स्रोत का जिक्र नहीं किया है। वेबसाइट पर पोस्ट किए गए वीडियो में सड़कों पर डरे सहमे लोग दिख रहे हैं और मदद के लिए चीख पुकार मची हुई है। पहले सोमवार को राजधानी तेहरान में निकाले गए जनाजे के जुलूस में भी करीब 10 लाख से ज्यादा लोग जमा हुए थे।
ईरानी संसद ने अमेरिकी सेना को आतंकी संगठन घोषित किया
उधर, ईरान की संसद में हुए मतदान के बाद अमेरिकी सेना और पेंटागन को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित कर दिया गया। इस दौरान ईरानी सांसदों ने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने और अमेरिका-इस्राइल को सबक सिखाने का संकल्प लिया।
अमेरिकी हमले में मारे गए कमांडर कासिम सुलेमानी, दोनों देशों के बीच तनाव जारी :
अमेरिका द्वारा बगदाद हवाई अड्डे पर किए गए हवाई हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। ईरान ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
वहीं, अब ईरान की संसद ने मंगलवार को एक विधेयक पारित कर सभी अमेरिकी बलों को आतंकवादी घोषित किया। जनरल कासिम सुलेमानी के बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स के प्रमुख के रूप में सुलेमानी पर लेबनान और इराक से लेकर सीरिया और यमन तक क्षेत्रीय सत्ता संघर्षों में तेहरान के हस्तक्षेप की जिम्मेदारी थी।
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