न्यूज़ डेस्क : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो टूक कहा कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के अपने फैसले से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी। नागरिकता कानून के समर्थन में शुक्रवार को जागरूकता अभियान लांच करते हुए शाह ने कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों पर कानून को लेकर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया।
शाह ने कहा, संशोधित कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा, बल्कि यह नागरिकता प्रदान करेगा। कांग्रेस व अन्य दल वोट बैंक की राजनीति के दुष्प्रचार कर रहे हैं, इसलिए भाजपा को जन जागरूकता अभियान की शुरुआत करनी पड़ी।
शाह ने कहा, विपक्षी दल देश को गुमराह कर रहे हैं कि कानून से भारत में रहने वाले मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी, लेकिन मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता।
कांग्रेस कहती है कि कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करेगा। कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
नागरिकता देकर हम शरणार्थियों को उनके अधिकार दे रहे हैं। नेहरू-लियाकत समझौते का केवल भारत ने पालन किया। पड़ोस के तीन देशों में हिंदुओं की संख्या कम हो रही है। कांग्रेस ने भले ही अपने पूर्व के नेताओं के वचन का पालन नहीं किया, लेकिन हम करेंगे। मोदी सरकार में शरणार्थियों के अच्छे दिन आए। मोदी के शासन में किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।
गहलोत पर साधा निशाना :कोटा में बच्चों की मौत पर उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, ‘गहलोत जी, नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने के बजाय, जो बच्चे रोज कोटा में मर रहे हैं, उन पर अपना ध्यान केंद्रित करें, उनके प्रति कुछ चिंताएं दिखाएं, बच्चों की मांएं आपको कोस रही हैं।’ गौरतलब है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जो विरोध-प्रदर्शन हो रहा है उससे ध्यान हटाने के लिए विपक्ष इस मुद्दे को उठा रहा है।
सीएए के समर्थन में अभियान :शाह ने कहा, ‘ भाजपा ने देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में जनजागरण अभियान का आयोजन किया है। क्यों ये आयोजन करना पड़ा? क्योंकि जिस कांग्रेस को वोटबैंक की राजनीति की आदत पड़ गई है, उसने इस कानून पर दुष्प्रचार किया। यह केवल उन लोगों को नागरिकता प्रदान करने की एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिन्हें पिछले 70 वर्षों से बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया था। इसका वास्तविक उद्देश्य शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करना है, घुसपैठियों को नहीं।’
राहुल को दी चुनौती :राहुल पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि राहुल बाबा कानून पढ़ा है तो कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाओ। नहीं पढ़ा है तो मैं इतालवी में भी इसका अनुवाद करके आपको भेज देता हूं, उसको पढ़ लीजिए। धार्मिक आधार पर अत्याचार सहने वाले शरणार्थियों के दर्द को लेकर शाह ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों में पिछले कई दशकों से हिंदुओं, सिख, जैन, बौद्ध, इसाई और पारसी लोगों के साथ शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। यहां अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन, नरसंहार, बलात्कार और संपत्तियों पर अवैध कब्जा सहना पड़ता है।
किसी के साथ भेदभाव नहीं किया: शाह ने कहा कि हमने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20- 20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी हैl आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए। साल 1951 में भारत में मुस्लिम 9.8 प्रतिशत थे। आज 14.23 प्रतिशत हैं, हमने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। आगे भी किसी के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।’
शाह बोले, विपक्ष फैला रहा अफवाह :भाजपा अध्यक्ष ने एक बार दोहराया कि सीएए नागरिकता देने का बिल है, नागरिकता लेने का नहीं। विपक्ष एकजुट होकर सीएए के विषय में अफवाहें फैला रहा हैl इस कानून से अल्पसंख्यकों को रत्ती भर भी नुकसान नहीं होने वाला, क्योंकि ये नागरिकता लेने का नहीं अपितु देने का कानून है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 की जरूरत ही नहीं पड़ती अगर देश का धार्मिक आधार पर बंटवारा न हुआ होता। कांग्रेस की नीतियों के कारण ही देश का धर्म के आधार पर बंटवारा।
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