देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) होंगे नरल बिपिन रावत

न्यूज़ डेस्क : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने एक दिन पूर्व सीडीएस के लिए उम्र सीमा को बढ़ा कर 65 वर्ष करने के बाद इस पद केलिए जनरल रावत के नाम पर मुहर लगाई। मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने जनरल रावत को सीडीएस बनाने की घोषणा कर उन्हें नए साल का तोहफा दिया है। सीडीएस का पद सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से ऊपर फोर स्टार जनरल के समकक्ष होगा। 

 

 

गौरतलब है कि वर्ष 1999 में करगिल युद्घ के बाद इस संबंध में गठित की गई करगिल सुरक्षा समिति ने सीडीएस की नियुक्ति का सुझाव दिया था। तब समिति ने कहा था कि देश की सुरक्षा केलिए चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने केलिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल-समन्वय स्थापित करना जरूरी है।

इसके लिए सीडीएस की नियुक्ति की जाए। सीडीएस सेना के तीनों अंगों थल सेना, वायुसेना और नौसेना का एकीकृत सैन्य सलाहकार होगा। इसके दो दशक के बाद पीएम मोदी ने बीते स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक सैन्य सुधार की जरूरत बताते हुए सीडीएस की नियुक्ति की घोषणा की थी। तब एनएसए अजित डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया था। इस कमेटी ने सीडीएस की नियुक्ति के तौर तरीकों, जिम्मेदारियों और कार्यप्रणाली तय किए थे।

बीते हफ्ते 24 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में सीडीएस की नियुक्ति पर मुहर लगी थी।  इस दौरान इसके चार्टर और कर्तव्य को मंजूरी  दी गई थी। इसमें तय किया था कि इस पद को ग्रहण करने वाला व्यक्ति भविष्य में किसी प्रकार का सरकारी पद हासिल करने का पात्र नहीं होगा।

इससे पहले सीडीएस की नियुक्ति की रास्ता साफ करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने सेना के नियमों, 1954 के कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया था। शनिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि सीडीएस प्रमुख 65 साल की उम्र सीमा तक सेवा दे सकेंगे। अगर केंद्र सरकार जरूरी समझे तो सीडीएस को सेवा विस्तार दे सकती है।

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