न्यूज़ डेस्क : सदस्यों द्वारा लोकसभा में नए पासपोर्ट पर कमल का निशान छापने को लेकर उठाए गए सवाल के एक दिन बाद गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह फर्जी पासपोर्ट का पता लगाने और सुरक्षा मजबूत करने की विशेषताओं का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों का भी बारी-बारी से इस्तेमाल किया जाएगा।
कांग्रेस सदस्य एमके राघवन ने केरल के कोझिकोड में बांटने के लिए आए नए पासपोर्ट पर कमल का निशान होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक अखबार ने इस खबर को प्रकाशित किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के चुनावी चिह्न कमल के साथ यह सरकारी प्रतिष्ठानों का और भगवाकरण है।
एम के राघवन ने सवाल उठाया था कि केरल के कोझिकोड में कमल प्रिंट वाले पासपोर्ट क्यों बांटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह इन्हें वापस ले और जांच कराए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर कहा कि यह प्रतीक हमारा राष्ट्रीय फूल है और फर्जी पासपोर्ट को पहचानने के लिए सिक्योरिटी फीचर मजबूत करने का एक कदम है।
उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी फीचर अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के दिशा-निर्देश पर पेश किया गया है। रवीश कुमार ने कहा कि कमल के अलावा बारी-बारी से देश के अन्य चिह्नों का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी यह कमल है और अगले महीने कुछ और होगा। ये प्रतीक चिह्न भारत से जुड़े हैं, जैसे कि राष्ट्रीय फूल और राष्ट्रीय पशु है।
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