न्यूज़ डेस्क : केंद्र सरकार जल्द ही संसद में एक बिल पेश करने जा रही है, जिसके पास हो जाने के बाद संगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों की टेक होम सैलरी, पीएफ अंशदान और ग्रैच्युटी में बड़ा बदलाव हो जाएगा। जहां एक तरफ टेक होम सैलरी में इजाफा हो जाएगा, वहीं दूसरी तरफ पीएफ अंशदान में कमी हो जाएगी। इसी तरह ग्रैच्युटी में भी बड़ा बदलाव होगा, जिसका फायदा कर्मचारियों को होगा। श्रम मंत्रालय ने एक सोशल सिक्युरिटी कोड विधेयक 2019 को तैयार किया है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। यह बिल इसी हफ्ते लोकसभा में पेश किया जाएगा।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारियों के अंशदान में कमी किए जाने का प्रस्ताव रखा है। इससे कर्मचारियों का मासिक वेतन बढ़ जाएगा। नए नियम के तहत वर्तमान सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) पर ही कर्मचारियों का मासिक वेतन बढ़ सकता है।
कर्मचारियों को होंगे यह फायदें :कर्मचारियों को जो फायदें होंगे उसके मुताबिक उन कंपनियों को जिनमें 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उन्हें स्वास्थ्य, पेंशन और अन्य सुविधाएं देनी होगी। वहीं 10 कर्मचारियों से कम संख्या वाली कंपनियां भी ऐसा कर सकती हैं। इसके अलावा फिक्सड टर्म में काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रैच्युटी भी मिलेगी। वहीं ऐसे कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम में स्विच नहीं कर पाएंगे।
सरकार ग्रैच्युटी के लिए निर्धारित समय को एक साल कर सकती है। मौजूदा समय में इस रकम के लिए किसी भी कर्मचारी का कंपनी में पांच साल तक काम करना जरूरी है। लेकिन जल्द ही सरकार इस समय अवधि को घटा सकती है। यानी अगर कोई कर्मचारी एक साल बाद भी कंपनी को छोड़ देता है, तो उसे भी ग्रैच्युटी की रकम मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा प्राइवेट नौकरी करने वालों को होगा।
क्या है ग्रैच्युटी? : बता दें कि ग्रैच्युटी कंपनी के द्वारा आपकी सेवा के लिए दिया गया अतिरिक्त लाभ है, जो किसी कर्मचारी के कंपनी में पांच साल तक काम करने पर ही मिलता है। साथ ही कर्मचारी की मौत होने जैसी कुछ अन्य स्थिति में भी कंपनी द्वारा ग्रैच्युटी दी जाती है। ग्रैच्युटी के तौर पर कर्मचारियों को मोटी रकम मिलती है। कर्मचारी के वेतन और उसकी सेवा की अवधि के आधार पर यह रकम तय की जाती है।
मंत्रालय ने रखा प्रस्ताव, कर्मचारियों को होगा लाभ : मौजूदा समय में कर्मचारियों के ग्रॉस मासिक वेतन में से 12 फीसदी अंशदान की कटौती पीएफ के लिए होती है। इसके साथ ही राशि उसकी कंपनी की ओर से भी उसके पीएफ खाते में जमा की जाती है। मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा है कि पीएफ के लिए 10 फीसदी की ही कटौती की जाए।
कर्मचारियों का बढ़ेगा मासिक वेतन :अगर यह प्रस्ताव लागू हो जाता है, तो पीएफ कटौती से बचने वाला दो फीसदी हिस्सा कर्मचारियों के खाते में मिलने वाले मासिक वेतन में जुड़ जाएगा। इस तरह कर्मचारियों का मासिक वेतन बढ़ जाएगा। मंत्रालय ने ईपीएफ एंड एमपी एक्ट 1952 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इस पर आम लोगों की भी राय मांगी गई थी। 22 सितंबर 2019 तक आम जनता से इसको लेकर के सुझाव मांगे गए थे।
नौकरों को भी मिलेगा पीएफ का लाभ : हाल ही में खबर आई थी कि घरों में साफ-सफाई और खाना बनाने का काम करने वाले व ड्राइवरों को भी पीएफ योजना का लाभ मिल सकेगा। श्रम मंत्रालय जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े कानून में बदलाव करने के लिए प्रस्ताव को तैयार कर रहा है। इस कानून में संशोधन के बाद इसको पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
अभी यह है व्यवस्था : अभी जो व्यवस्था है उसके हिसाब से कंपनियों व सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों को ही पीएफ योजना का लाभ मिलता है। इसके दायरे में अन्य लोग जैसे कि स्व-रोजगार करने वाले लोग शामिल नहीं होते हैं।
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