न्यूज़ डेस्क : चीन की तीन सरकारी दूरसंचार कंपनियों ने यहां के 50 शहरों में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर दी है। चीन का अगला लक्ष्य अमेरिका और पश्चिमी देशों को पछाड़ते हुए अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का वैश्विक नेतृत्व करना है। चाइना मोबाइल, चाइना यूनिकॉम, चाइना टेलीकॉम कंपनियों ने बीजिंग, शंघाई समेत 50
5जी नेटवर्क वाला पहला शहर वुझेन : चीन में दुनिया का पहला 5जी नेटवर्क झेजियांग प्रांत के वुझेन शहर में शुरू किया गया। इस स्मार्ट सिटी के कोने-कोने तक 5जी सुविधा पहुंचा दी गई है। यहां इंटरनेट 4जी की तुलना में 1000 गुना अधिक तेजी से काम करता है। आठ जीबी की फिल्म को डाउनलोड करने के लिए मात्र छह सेकंड का समय लगता है।
स्वचालित नावों का उपयोग शुरू :अधिकारियों ने वुझेन की प्रसिद्ध नहरों से कूड़ा इकट्ठा करने के लिए 5जी लैस दो स्वचालित नावों का भी उपयोग शुरू कर दिया है। 50 से अधिक ऑटोमैटिक संसाधन अभी पाइपलाइन में हैं, जिसमें 5जी स्वचालित कार, वचरुअल फिटिंग रूम आदि शामिल हैं। वुङोन का मतलब चीनी में ‘डार्क टाउन’ है। यहां की आबादी एक लाख है। चीन की सरकार ने यहां वर्ल्ड इंटरनेट कांफ्रेंस का भी आयोजन किया था।
जून में मिला था लाइसेंस : इसी साल जून में चीन में 5जी नेटवर्क के व्यावसायिक इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी गई थी। चीन के एमआइआइटी मंत्री मियाओ वेई ने कहा था कि 5जी के लाइसेंस के तहत फिलहाल चाइना टेलीकॉम, चाइना मोबाइल, चाइना यूनिकॉम और चाइना रेडियो एंड टेलीविजन ही अपनी सेवा दे रही हैं।
शंघाई का रेलवे स्टेशन : शंघाई में हुआवै की मदद से चीन का पहला 5जी रेलवे स्टेशन तैयार किया जा रहा है। अगले साल की शुरुआत तक शंघाई के होंगकियाओ रेलवे स्टेशन में 5जी प्रणाली को फिट कर लिया जाएगा।
भारत में भी तैयारी : भारत में भी अब 5जी स्पेक्ट्रम की ओर बढ़ने की तैयारी जोरों पर है। 2019-20 कैलेंडर ईयर में ही देश में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की जा सकती है। इसके अलावा जल्द ही देश के एक लाख गांव भी डिजिटल बन सकते हैं। आने वाले 100 दिनों में 5जी स्पेक्ट्रम की टेस्टिंग शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
खुल चुके हैं स्मार्ट मॉल : इसी वर्ष मई में ही चीन में बड़े पैमाने पर 5जी स्मार्ट मॉल खोले गए हैं, जिनमें फेस रिकग्निशन कैमरा, रोबोट आदि की बिक्री शुरू हो गई है। यहां 12 मंजिला लक्जरी एल-मॉल में 5जी संचालित 3डी चश्मे के माध्यम से मूवी का आनंद लिया जा सकता है।
क्या है जी प्रणाली : जी प्रणाली का विकास 1980 में मोबाइल फोन के आविष्कार के साथ शुरू हुआ, इसमें एनालाग डाटा को फोन कॉल के माध्यम से प्रसारित किया जा सकता था। साल 1998 में 2जी आया, जिसके माध्यम से कॉल के अलावा टेक्स्ट मैसेज भी किए जाने लगे। सन 2001 में आए 3जी ने मोबाइल में इंटरनेट एक्सेस करने की भी सुविधा प्रदान की गई। साल 2008 में आए 4जी के माध्यम से इंटरनेट में ज्यादा तेजी से एक्सेस और ऑनलाइन वीडियो और अन्य डाटा को ज्यादा तेजी से डाउनलोड करने में मदद मिली।
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