इंडियन बैंक ने सार्वजनिक किये वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के नतीजे, आमदनी में 72% की मजबूत वृद्धि

न्यूज़ डेस्क : इंडियन बैंक ने सार्वजनिक किये वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के नतीजे, कुल आय 18% ऊपर, अन्य आमदनी में 72% की मजबूत वृद्धि की बदौलत शुद्ध लाभ 139% वृद्धि के साथ 359 करोड़ रुपये l  इंडियन बैंक के निदेशक मंडल ने  चेन्नई में 23 अक्टूबर 2019 को संपन्न अपनी बैठक में 2019-20 की दूसरी तिमाही (Q2 FY2020) और 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त छमाही अवधि के लिए बैलेंस शीट और लाभ एवं हानि खाते को स्वीकृत कर दिया है l 

 

 

लाभकारिता

  • वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में बैंक के परिचालनगत लाभ की राशि पिछले वर्ष की समतुल्य अवधि के 1191 करोड़ रुपये के मुकाबले 26% की जबरदस्त वृद्धि के साथ 1502 करोड़ रुपये पर दर्ज हुयी. 30 सितम्बर 2019 को समाप्त छमाही (छमाही 1 वित्त वर्ष 2020) के लिए परिचालनगत लाभ में 16% की वृद्धि हुयी जिसकी राशि 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त छमाही के 2489 करोड़ रुपये के मुकाबले 2876 करोड़ रुपये थी.
  • वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के लिए शुद्ध लाभ का आंकडा 359 करोड़ रुपये पर दर्ज हुआ जो वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही के 150 करोड़ रुपये के मुकाबले 139% ज्यादा है. इस जबरदस्त वृद्धि के पीछे अन्य आय में 72% की शानदार वृद्धि का अंशदान है. 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त अर्द्ध-वार्षिक अवधि में शुद्ध लाभ में 101% की वृद्धि हुयी और इसकी राशि 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त छह महीनों के लिए दर्ज 359 करोड़ रुपये के मुकाबले 724 करोड़ रुपये पर दर्ज हुयी.
  • 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त तिमाही में बैंक की कुल आय 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त तिमाही के 5129 करोड़ रुपये के मुकाबले 18% वृद्धि दर्शाते हुए 6045 करोड़ रुपये पर दर्ज हुयी. वही, 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त छमाही के लिए कुल आय का आंकडा 30 सितम्बर, 2018 को दर्ज 10261 करोड़ रुपये के मुकाबले 11877 करोड़ रुपये पर दर्ज हुआ.
  • वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में शुद्ध ब्याज आय (ब्याज आय – ब्याज व्यय) 8% वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही के 1731 करोड़ रुपये से ऊपर चढ़कर 1863 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त छमाही के लिए शुद्ध ब्याज आय का आंकडा 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त समकक्ष अवधि के 3538 करोड़ रुपये पर 3% वृद्धि दर्ज करते हुए 5081 करोड़ रुपये पर पहुँच गया.
  • वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के लिए शुद्ध राजस्व (शुद्ध ब्याज आय + अन्य आय) में 20% की वृद्धि हुयी जिसकी राशि पिछले वर्ष की समकक्ष तिमाही के 2159 करोड़ रुपये की तुलना में 2601 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी. इसी मद में प्रथम छमाही अवधि की राशि पिछले साल के 4406 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल 5081 करोड़ रुपये पर दर्ज हुयी.
  • 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त तिमाही के लिए शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) (घरेलू) में कमी आयी जो 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त तिमाही के 01% से 9 बेसिक पॉइंट्स (बीपीएस) नीचे गिरकर 2.92% पर दर्ज हुआ. अनुक्रमिक आधार पर यह 7 बीपीएस तक सुधार के साथ 2.85% से 2.92% पर पहुँच गया.
  • 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त पहली छमाही में एनआईएम (घरेलू) मद में 21 बीपीएस तक की गिरावट आयी जिसका अनुपात एक साल पहले के 10% के मुकाबले इस साल 2.89% पर दर्ज हुआ.
  • 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त तिमाही में अन्य आय (ब्याजेतर राजस्व) का आंकडा 738 करोड़ रुपये था जो पूर्ववर्ती वर्ष की समकक्ष तिमाही के आंकड़े से 72% ज्यादा है. यह अच्छी वृद्धि निवेश की बिक्री पर पिछले साल की उसी अवधि के 79 करोड़ रुपये के मुकाबले 249.21 करोड़ रुपये के लाभ के कारण हासिल हुयी.
  • 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त तिमाही में परिचालनगत व्यय 1099 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की उसी तिमाही में 968 करोड़ रुपये दर्ज हुआ था. इस मद में छमाही अवधि का आंकडा गत वर्ष के 1917 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष 2205 करोड़ रुपये पर पहुँच गया.
  • लागत आय अनुपात 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त तिमाही के 84% के मुकाबले 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त तिमाही के लिए 42.26% था. यह ह्रास परिचालनगत राजस्व में 20% वृद्धि के कारण हुआ. 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त छमाही के लिए लागत आय अनुपात 43.39% था जो 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त छमाही के लिए 43.52% था.
  • वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में प्रावधान एवं आकस्मिक व्यय का आंकड़ा मुख्य रूप से आय कर के मद में ज्यादा प्रावधान करने के कारण 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त तिमाही के 1041 करोड़ रुपये से बढ़कर 1143 करोड़ रुपये पर पहुँच गया. इसी प्रकार प्रासंगिक अवधि की छमाही के लिए इस मद का आंकड़ा पिछले साल के 2129 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल 2152 करोड़ रुपये पर दर्ज हुआ.
  • 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त तिमाही के लिए औसत आस्तियों पर प्रतिलाभ (आरओए) शुद्ध लाभों में बढ़ोतरी के बल पर 27 बीपीएस की वृद्धि दर्ज करते हुए 50% (दूसरी तिमाही 2018-19 : 0.23%) पर पहुँच गया. 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त छमाही के लिए आरओए 0.51% था जो 30 सितम्बर, 2018 को समाप्त छमाही के लिए 0.28% था.
  • वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के लिए इक्विटी पर प्रतिलाभ (आरओई) का अनुपात वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही के 71% के मुकाबले 8.00% था, जबकि 30 सितम्बर, 2019 को समाप्त छमाही का आरओई 8.41% पर दर्ज हुआ.

 

 

आस्तियाँ और देयताएं :

  • बैलेंस शीट की कुल राशि में 14% (सालाना) वृद्धि हुयी और परिमाण में इसका आंकडा 30 सितम्बर, 2018 को दर्ज 261642 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 30 सितम्बर, 2019 को 297662 करोड़ रुपये पर पहुँच गया.
  • वैश्विक कारोबार का आंकडा 30 सितम्बर, 2018 राशि में 14% सालाना वृद्धि के साथ 30 सितम्बर, 2019 को 447420 करोड़ रुपये पर दर्ज हुआ.
  • कुल जमा की राशि वित्त वर्ष 2019 की प्रथम छमाही के राशि पर 15% वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2020 की प्रथम छमाही में 253172 करोड़ रुपये पर दर्ज हुयी.
  • घरेलू चालू और बचत खाता जमा अनुपात (सीएएसए डिपाजिट) में सालाना 10% की वृद्धि दर्ज हुयी और 30 सितम्बर, 2019 को कुल घरेलू जमा में सीएएसए की हिस्सेदारी 66% थी, जबकि 30 सितम्बर, 2018 को यह अनुपात 36.13% का था. यह स्थिति मुख्यतः सावधि जमा में सीएएसए की अपेक्षा ज्यादा राशि होने के कारण आयी. सीएएसए में वृद्धि मुख्यतः चालू खाता जमा 7.54% की सालाना बढ़ोतरी के साथ 13244 करोड़ रुपये पर पहुँचने और बचत खाता जमा 11% सालाना बढ़ोतरी के साथ 71864 करोड़ रुपये पर पहुँचने के कारण हुयी है.
  • अग्रिम ऋण राशियाँ 30 सितम्बर, 2019 को 194248 करोड़ रुपये थी जो 30 सितम्बर, 2018 (172322 करोड़ रुपये) से 13% अधिक है. इस वृद्धि में मुख्यतः खुदरा (17%) [जिसमें गृह ऋण 32% और वाहन ऋण 12% शामिल है], कृषि (16%), एमएसएमई (20%) के साथ-साथ कॉर्पोरेट ऋण (6%) और विदेशी अग्रिम ऋण (17%) में वृद्धि का योगदान है.
  • प्राथमिकता क्षेत्र पोर्टफोलियो 30 सितम्बर, 2018 के 64520 करोड़ रुपये से बढ़कर 30 सितम्बर, 2019 को 73217 करोड़ रुपये पर पहुँच गया. 30 सितम्बर, 2019 को समायोजित शुद्ध बैंक ऋण (एएनबीसी) के अनुपात के रूप में प्राथमिक क्षेत्र अग्रिम ऋण 40% की विनियामक अपेक्षा के मुकाबले 47% पर दर्ज हुआ.
  • कमजोर वर्ग को ऋण की राशि 30 सितम्बर, 2018 के 16033 करोड़ रुपये से बढ़कर 30 सितम्बर, 2019 को 18537 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी, जो 10% की विनियामक अपेक्षा के मुकाबले एएनबीसी का 12% है.

 

पूँजी पर्याप्तता :

  • बेसल III गाइडलाइन्स के अनुसार 30 सितम्बर, 2019 को बैंक का कुल पूँजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 96% के बढ़िया स्तर पर था (30 सितम्बर, 2018 को 12.73%), जबकि विनियामक अपेक्षा 10.875% की है. भारत सरकार से मिले 2534 करोड़ रुपये के पूंजी आधान को मिला दें तो सीएआर बढ़कर 14.52% हो जाएगा.
  • टियर-I सीएआर 30 सितम्बर, 2018 को दर्ज 53% की तुलना में 30 सितम्बर, 2019 को 12.69% पर दर्ज हुआ. जोखिम-भारित आस्तियों का परिमाण 162717 करोड़ रुपये था (30 सितम्बर, 2018 को 150679 करोड़ रुपये).

 

आस्तियों की गुणवत्ता :

  • 30 सितम्बर, 2019 को सकल निष्क्रिय आस्तियाँ (ग्रॉस एनपीए) सकल ऋण का 20% थीं जो 30 सितम्बर, 2018 के 7.16% से 4 बीपीएस ज्यादा है.
  • निवल निष्क्रिय आस्तियाँ (नेट एनपीए) 30 सितम्बर, 2018 को दर्ज निवल ऋण के 23% से घटकर 30 सितम्बर, 2019 को 69 बीपीएस की गिरावट के साथ घटकर 3.54% पर आ गयीं.
  • सकल ऋण के अनुपात में स्ट्रेस्ड ऋण में 30 सितम्बर, 2019 तक 53% वृद्धि हुयी जबकि 30 सितम्बर, 2018 को यह वृद्धि 8.02% थी.
  • अशोध्य ऋण की वसूली में वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही के मुकाबले वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में 31% सुधार हुआ और छमाही आधार पर पिछले साल के मुकाबले इस साल प्रथम छमाही के दौरान 32% सुधार हुआ.

 

सम्मान :

  • राष्ट्रीयकृत बैंक वर्ग में ‘सर्वश्रेष्ठ बैंक 2017-18’ – फाइनेंशियल एक्सप्रेस
  • राष्ट्रीयकृत बैंक वर्ग अप्रैल 2019 में ‘ट्रस्टेड बैंक’ का खिताब – रीडर्स डाइजेस्ट
  • 2018-19 के लिए >10 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये वर्ग में डिजिटल लेनदेन का लक्ष्य हासिल करने (82%) के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ‘डिजी धन डिजिटल पेमेंट अवार्ड 2018-19’ का विजेता.
  • तमिलनाडु में “एसएचजी बैंक लिंकेज प्रोग्राम” के तहत वित्त वर्ष 2018-19 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रथम स्थान – नाबार्ड
  • “स्वच्छता पखवाड़ा 2019” – स्वच्छता अभियान में असाधारण योगदान के लिए प्रथम स्थान.

 

प्रबंध निदेशक एवं सीईओ का वक्तव्य :

वित्तीय नतीजों के बारे में इंडियन बैंक की एमडी एवं सीईओ, सुश्री पद्मजा चुन्दुरु ने कहा कि, “इस मजबूत प्रदर्शन का श्रेय हमारे व्यावसायिक विकास एवं उपार्जनों पर फोकस, अपनी वित्तीय ताकत के साथ दूरदर्शी ऋण नियमों का कठोर पालन करने और एनपीए को कम करने हेतु किये गये निरंतर प्रयासों को जाता है. हाल में इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक के विलय से हमारे वैश्विक दृष्टिकोण को और गति मिलेगी और हमें कुल व्यवयास में तेज वृद्धि होने की आशा है. हमारी परिचालनों की दक्षता को देखते हुए, विलय से बनी नई कंपनी सुदृढ़ वृद्धि दर्ज करेगी और बैंकिंग उद्योग में अग्रणी बैंकों के बीच अलग पहचान बनायेगी.

 

 

 

 

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