न्यूज़ डेस्क : केंद्र सरकार घरेलू हवाई यात्रियों के सफर पर नजर रखने जा रही है। हवाई कंपनियों को घरेलू यात्रियों का पूरा डाटा नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (नेटग्रिड) के साथ साझा करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि अभी इस पर विमानन कंपनियों और नागर विमानन मंत्रालय व डीजीसीए ने किसी तरह का फैसला नहीं लिया है। अभी विमानन कंपनियां विदेश जाने वाले और वहां से आने वाले सभी यात्रियों का डाटा कस्टम और आव्रजन ब्यूरो के साथ साझा करती है।
इन एजेंसियों के साथ शेयर होगा डाटा:इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार डीजीसीए, नागर विमानन मंत्रालय और नेटग्रिड के अधिकारियों ने 30 अगस्त को बैठक की थी। इसमें हवाई यात्रियों का डाटा शेयर करने के लिेए कहा गया था। नागर विमानन मंत्रालय और डीजीसीए ने सुझाव दिया है कि एक एजेंसी को साथ डाटा साझा किया जा सकता है।
इनके साथ होगा साझा : नेटग्रिड के पास सारा डाटा जाएगा, वो आगे चलकर आईबी, रॉ, सीबीआई, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, डीआरआई, ईडी, नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय, कस्टम, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और वित्तीय इंटेलिजेंस यूनिट के साथ साझा किया जा सकता है।
2008 में हुआ था नेटग्रिड का गठन : 2008 में मुंबई हमलों के बाद यूपीए सरकार ने नेटग्रिड का गठन किया था। 2016 में मोदी सरकार ने इसको एक केंद्रीय डाटाबेस तैयार करने का आदेश दिया था। हवाई यात्रियों के डाटा का इस्तेमाल यह पता करने के लिए किया जाएगा, कि एक व्यक्ति कितनी बार अलग-अलग शहरों में यात्रा की है। इससे सरकार के पास लोगों के आने-जाने के बारे में सीधी जानकारी पहुंचेगी।
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