एमबीबीएस के स्टूडेंट्स ने मानवीय मूल्यों के पालन की शपथ लेते हुए पहने वाइट कोट

05 सितम्बर 2019इंदौर। वाइट कोट डॉक्टर्स की पहचान होता है। सफ़ेद रंग का कोट पहने यदि कोई व्यक्ति दूर से भी आ रहा है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं वह सबसे नोबल माने जाने वाले मेडिकल प्रोफेशन का अहम हिस्सा हैं। डॉक्टर्स के कोट का यह सफ़ेद रंग प्रतिक हैं इस पेशे में मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि मानने का और यही कारण हैं कि मेडिकल प्रोफेशन को नोबल प्रोफेशन कहा जाता हैं।

 

इस कोट के महत्त्व और इससे जुडी इन सभी जरुरी बातों को मेडिकल स्टूडेंट्स तक पहुंचाने के लिए इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स के लिए वाइट कोट सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस सेरेमनी में पहली बार मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर बनने का सपना लिए आये स्टूडेंट्स को वाइट कोट पहनाए गए।

 

कॉलेज के वाईस चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया ने कहा कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में शिक्षक दिवस पर हुए भव्य समारोह में पहली बार एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स के लिए वाइट कोट सेरेमनी को कार्यक्रम का अभिन्न अंग बनाया गया। एमसीआई द्वारा स्टूडेंट्स को मेडिकल प्रोफेशन से जुडी सद्भावना, सौहार्द्य और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अवगत करवाने के लिए यह पहल की गई हैं। यह सेरेमनी स्टूडेंट्स के मन में अपने प्रोफेशन से जुडी गहरी भावनात्मक छाप छोड़ती हैं। यह उनकी उस यात्रा का भी प्रतिक हैं, जिसे करके वे यहाँ तक पहुंचे और आगे अपने-अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।

 

डीन डॉ एस एम होल्कर ने बताया कि वाइट कोट सेरेमनी के बाद शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की उपलब्धियों और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन एडिशनल डायरेक्टर आर सी  यादव ने किया। इस अवसर पर कुलपति श्री एनके त्रिपाठी, उप कुलपति डॉ संजीव नारंग और सहायक डीन डॉ प्रेम न्याति उपस्थित थे। कार्यक्रम डॉ एसके बामने के दिशा-निर्देशन में हुआ।

 

पहली बार वाइट कोट पहनने की ख़ुशी

स्कूल से ही एमबीबीएस की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिलने के बाद जो सबसे बड़ी ख़ुशी होती है वह है पहली बार वाइट कोट पहनना। स्टूडेंट अजय पाटीदार कहते है कि जैसे ही हम वाइट कोट पहनते है मन में एक अलग ही ख़ुशी और जिम्मेदारी की भावना एक साथ आती है। स्टूडेंट दीक्षा त्यागी के अनुसार वाइट कोट ही डॉक्टर्स की पहचान है और इसके बिना हम अधूरे होते है। स्टूडेंट ख़ुशी बंसल कहती है कि डॉक्टर बनना सिर्फ हमारा सपना नहीं होता हमारे माता-पिता के सपने और उम्मीदें भी इसके साथ जुडी होती है। हमें इस तरह वाइट कोट पहना देख हम सभी के पेरेंट्स को हम पर बहुत गर्व होगा। अनुज मेहता ने कहा कि एमबीबीएस की तैयारी के दौरान जब भी किसी डॉक्टर को वाइट कोट में देखते तो सोचते कि इस कोट को पहनने का मौका हमें कब मिलेगा। आखिर आज वह खास दिन आ ही गया जब हमें अपना वाइट कोट पहनने का मौका मिला।

 

 

 

Comments are closed.