न्यूज़ डेस्क : देश में सबसे अधिक बेरोजगारी वाले शहर के रूप में प्रयागराज की पहचान यूं ही नहीं हो रही। सरकारी दस्तावेजों में दर्ज रिकॉर्ड को देखें तो यहां बेरोजगारों की लाइन में तकरीबन डेढ़ लाख युवक-युवतियां खड़े हैँ और नौकरियों की उपलब्धता ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
केंद्रीय सांख्यिकी आयोग के नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस की ओर से कराए गए पीरिऑडिक लेबर फोर्स सर्वे में पिछले दिनों खुलासा हुआ था कि दस लाख से अधिक आबादी वाले 45 शहरों में सर्वाधिक 8.9 प्रतिशत बेरोजगारी दर प्रयागराज में है। इस सर्वे में देश में बेरोजगारी का आंकड़ा 45 सालों में सबसे ज्यादा 6.1 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
प्रयागराज में बेरोजगारी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्तमान में क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में 1,47,561 बेरोजगार पंजीकृत हैं। इनमें 1,19,663 पुरुष व 27,878 महिलाएं हैं। वहीं नौकरी पाने वालों की संख्या बहुत कम है। अधिकतर सरकारी नौकरियां तो विवादों में फंसी हैं। प्राइवेट सेक्टर में इस साल अब तक 337 युवा ही नौकरी हासिल कर सके हैं।
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के सहायक निदेशक रत्नाकर अस्थाना ने बताया कि इस साल अब तक चार रोजगार मेले लगाए जा चुके हैं। इनमें 337 युवाओं को विभिन्न निजी क्षेत्र की कंपनियों ने चुना है।
अनिवार्यता के बाद 30 गुना बढ़ गया रजिस्ट्रेशन
प्रयागराज। प्रदेश में सभी नौकरियों के लिए सेवायोजन पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य होने के बाद से रजिस्ट्रेशन 30 गुना तक बढ़ गया है। मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पांडेय ने 26 जून को पंजीकरण अनिवार्य किए जाने संबंधी आदेश जारी किया था। इसके बाद जुलाई में 3189 (2313 पुरुष व 876 महिलाएं) व अगस्त में 3194 (2357 पुरुष व 837 महिलाएं) पंजीकरण हुए हैं। इससे पहले जून में महज 112 बेरोजगारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। स्पष्ट है कि 26 जून के बाद पंजीकरण कई गुना बढ़ गया है।
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