न्यूज़ डेस्क : पाकिस्तानी सेना और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। अमेरिका दौरे और भारत से संबंधों को लेकर कुछ अहम मौकों पर इमरान खान के बयानों से पाकिस्तानी सेना चिढ़ गई है। पाकिस्तानी सेना भारत में आतंकियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ कराने की लगातार कोशिश कर रही है। लेकिन कभी पाकिस्तानी सेना की कठपुतली कहे जाने वाले पीएम इमरान खान ने कई दफा दावा किया कि उनकी सरकार आतंकियों पर कार्रवाई कर रही है। लिहाजा, पाकिस्तानी सेना इमरान से नाराज है।
सशस्त्र बल के लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में लाने की योजना : दस सालों तक अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को अपने देश में छिपाने वाली पाकिस्तानी सेना का इरादा सेना के लोगों को राजनीति के जरिए मुख्यधारा में लाना है। ध्यान रहे कि अक्टूबर, 2017 में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि वह सशस्त्र बल के लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में लाने के लिए एक विशेष योजना पर काम कर रहे हैं।
आतंकियो को पाक की मुख्यधारा में लाने का प्रयास : एक यूरोपीय थिंक टैंक एफसास के लिखित दस्तावेज के अनुसार गफूर का मकसद आतंकियों और आतंकी संगठनों को आपस में जोड़कर उन्हें पाकिस्तान की मुख्यधारा में लाने के लिए राजनीतिक क्षेत्र में एक सकारात्मक भूमिका दी जाएगी।
इमरान खान के बयान से पाक सेना प्रमुख नाराज : इसके विपरीत पिछले साल ही पाकिस्तानी सेना की हेराफेरी से चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनने वाले इमरान खान ने हाल ही में मजबूरी में कुछ ऐसे बयान दे दिए कि पाकिस्तानी सेना के जनरल उनके खिलाफ हो गए हैं, जो आतंकी समूहों को बकायदा प्रशिक्षण देते हैं। पहले तो अमेरिका यात्रा के दौरान इमरान ने दुनिया के सामने यह कुबूल कर लिया कि उनके देश में करीब 30 हजार से 40 हजार आतंकी हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार देश में जेहाद की संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
बालाकोट हमला कुबूलना इमरान को पड़ सकता है भारी : अभी हाल ही में पाकिस्तान के आजादी दिवस पर इमरान खान यह भी कुबूल कर बैठे कि भारत गुलाम कश्मीर में बालाकोट से भी बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है। पाकिस्तानी सेना को इस बात की पूरी जानकारी है। हमारी जानकारी के मुताबिक भारत की और भी भयावह योजनाएं हैं। इमरान खान के इस कुबूलनामे से भी पाकिस्तानी सेना बेहद नाराज है। चूंकि पाकिस्तानी सेना हमेशा से इस बात से इंकार करती रही है कि बालाकोट के हवाई हमले में भारत को कोई कामयाबी मिली थी।
भारतीय हमले को नाकाम साबित करना चाहती थी पाक सेना : भारतीय हमले को नाकाम साबित करने के लिए पाकिस्तानी सेना ने विदेशी पत्रकारों को भी हमले वाली जगह पर ले जाने का नाटक रचा था। उसका दावा था कि हमले में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। जबकि भारतीय वायुसेना ने कहा था कि बालाकोट स्थित आतंकी शिविर पर सटीक निशाना था और कम से कम 200 आतंकी मारे गए थे।
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