न्यूज़ डेस्क : आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री मोदी के फार्मूले को बरेली के किसान ने कामयाब कर दिया। किसान गोपाल सिंह अपने 15 बीघा के खेत में तालाब खुदवाकर मछली और बत्तख पालन साथ-साथ करने जा रहा है। तालाब के अंदर पानी में बत्तख पालन के लिए हट तैयार की गईं हैं। जिसमें दो हजार बत्तख को रखा जाएगा। जो रोजाना करीब 600 अंडे देंगी। जबकि मछली पालन से साल में करीब 4 लाख की आमदनी होगी।
भोजीपुरा के तजुआ गांव के किसान गोपाल सिंह ने आमदनी बढ़ाने का नायाब प्रयोग किया है। किसान ने अपने खेत में तालाब खुदवाया है। तालाब को मछली पालन के लिए तैयार करने में 8.338 लाख की लागत आई है। मत्स्य विभाग ने नीली क्रांति योजना के तहत 60 फीसदी अनुदान यानि 5.01 लाख की रकम दी है। किसान का सिर्फ 3.33 लाख खर्च किए हैं।
गोपाल सिंह ने तालाब को मछली और बत्तख पालन के लिए तैयार करा दिया है। तालाब में पानी भर दिया गया है। तालाब के अंदर पिलर बनाकर बत्तख पालन के लिए हट तैयार की गई है। बांस और लकड़ी से हट बनाई गईं हैं। तालाब के ऊपर बनी हट में 2 हजार बत्तख रखीं जाएंगी। बत्तख की बीट मछललियों का आहार बनेगी। तालाब के अंदर ही गोदाम भी बनाया गया है। जिसमें बत्तख और मछललियां का चारा स्टोर किया जाएगा। तालाब में पानी बरकरार रखने के लिए सोलर पंप भी लगाया गया है।
बैंक में हेड कैशियर से रिटायर हैं गोपाल : तजुआ के किसान गोपाल सिंह बहेडी के सेंट्रल बैंक में हेड कैशियर थे। जून 2015 में गोपाल सिंह रिटायर हो गए। गांव में खेती कर रहे थे। गोपाल ने बताया कि मुझे हरियाणा और पंजाब में मछली और बत्तख पालन एक साथ करने की जानकारी मिली थी। मैं हरियाणा और पंजाब में जाकर प्रोजेक्ट को देखकर आया।
दिन में तालाब में रहेंगी बत्तख, शाम को हट में :दिन में बत्तखों को तालाब में उतारा जाएगा। शाम को तालाब से बत्तखों को हट में वापस पहुंचाया जाएगा। गोपाल के तालाब के ऊपर बने बत्तख फार्म में रोजाना करीब 600 अंडों का उत्पादन होगा।
किसान को नीली क्रांति निजी भूमि पर तालाब निर्माण एवं निवेश योजना के तहत 60 फीसदी अनुदान दिया गया है। इस तालाब से आसानी से गोपाल को 12 से 15 लाख के बीच आमदनी होगी।
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