लोकसभा ने 1952 के बाद सबसे ज्यादा विधेयक पारित कर बनाया इतिहास

न्यूज़ डेस्क : सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र मंगलवार को संपन्न हो गया जिसमें कुल 37 बैठकें हुईं और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने एवं राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के संकल्प और विधेयक तथा तीन तलाक विरोधी विधेयक सहित कुल 36 विधेयक पारित हुए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह 1952 से लेकर अब तक का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है।

 

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सत्र सात अगस्त तक प्रस्तावित था, लेकिन सरकार के आग्रह पर बिरला ने इसे एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि 17 जून से छह अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली।

 

बिरला ने कहा कि इस सत्र में कोई व्यवधान नहीं हुआ। सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और सदन के नेता नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और विभिन्न दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया।

 

कुल 37 बैठकों में 36 बिल पारित हुए तो शून्यकाल के दौरान पहली बार एक हजार से अधिक मुद्दे उठाए गए। वर्ष 1952 के बाद यह पहला मौका है जब 37 बैठकों के बावजूद एक दिन भी कार्यवाही भी रत्ती भर के व्यवधान के बिना चली।

 

मंगलवार को अचानक सत्रावसान की घोषणा करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि वर्तमान सत्र वर्ष 1952 के बाद सबसे सफल सत्र रहा है। सदन में प्रतिदन औसतन 8 घंटे काम किया। कुल 37 बैठकों में 280 घंटे कार्यवाही चली।

17वीं लोकसभा सत्र की अहम बातें
• इस दौरान कुल 37 बैठकें हुईं
• सदन में 280 घंटे कामकाज हुआ
• राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 13.47 मिनट तक चर्चा हुई
• बजट प्रस्ताव पर 17.23 घंटे बहस हुई
• रेल बजट के प्रस्ताव पर 13.06 घंटे चर्चा हुई
• कुल 33 सरकारी विधेयक पारित हुए
• पूरे सत्र के दौरान कुल 36 विधेयक पारित हुए

 

लोकसभा में पेश हुए प्रमुख विधेयक और संशोधन
• उपभोक्ता संरक्षण
• तीन तलाक
• केंद्रीय मोटर-वाहन अधिनियम
• पॉक्सो नियम संशोधन
• जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल
• अनुच्छेद 370 पर संकल्प पत्र

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