न्यूज़ डेस्क : कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की 380 अतिरिक्त कंपनियां भेजे जाने को लेकर आशंकाओं के बीच राज्य प्रशासन की ओर से पाक आतंकी हमले के अंदेशे पर अमरनाथ यात्रियों से तत्काल घाटी छोड़ने को कहा गया है। 15 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा को पहले ही चार अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
अमरनाथ यात्रियों तथा पर्यटकों को राज्य प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी कर उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया है। इस बीच अमरनाथ यात्रा मार्ग पर स्नाइपर राइफल, पाक सेना आर्डिनेंस फैक्ट्री निर्मित लैंडमाइन मिला है। सेना ने दावा किया है कि आतंकियों के निशाने पर अमरनाथ यात्री थे। सेना और वायु सेना को अलर्ट पर कर दिया गया है। इस बीच अमरनाथ यात्रा मार्ग से टट्टू तथा लंगर वाले लौटने लगे हैं। राज्य सरकार ने पयर्टकों, अमरनाथ यात्रियों को घाटी में रहने की अवधि में कटौती करने की सलाह दी है। सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाएं। गृह विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है कि अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के मद्देनजर ताजा खुफि या सूचनाओं और घाटी के हालात के मद्देनजर यह सलाह दी जाती है कि अमरनाथ यात्री और पर्यटक जल्द से जल्द घाटी से लौट जाएं।
अमरनाथ यात्रा ट्रैक पर शुक्रवार को आईईडी, एंटी पर्सनल माइन और अमेरिकन एम-24 स्नाइपर राइफल बरामद हुआ है। 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने बताया कि सुरक्षा बलों को कुछ दिनों पहले इनपुट मिले थे कि आतंकी अमरनाथ यात्रा पर बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इसी को लेकर सेना और सीआरपीएफ ने अमरनाथ यात्रा के रास्तों पर पैनी नजर बनाए हुई थी। ट्रैक और आसपास के इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया गया तो यह सफलता मिली। सेना के अनुसार आईईडी में बारूद की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि भारी नुकसान हो सकता था। उन्होंने आईईडी की बरामदगी वाले स्थान का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
आतंकियों की ओर से हिंसा के मिले ताजा इनपुट: डीजीपी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि आतंकियों की ओर से हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी के इनपुट मिले हैं। इस वजह से जमीनी स्तर पर काउंटर इंटेलिजेंस ग्रिड को और मजबूत किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अतिरिक्त बलों की संख्या बताने से इनकार करते हुए कहा कि पहले से तैनात जवानों को कुछ समय के लिए आराम करने का मौका दिया जाएगा। चुनाव तथा अन्य कारणों से सुरक्षा बल वर्ष पर्यंत ड्यूटी पर रहे हैं। उन्हें किसी प्रकार का आराम नहीं मिला।
हमारे लिए जीने मरने का समय: महबूबा
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह समय हमारे लिए जीने मरने वाला है क्योंकि हमें जम्मू-कश्मीर की पहचान को बचाना है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नेता भले ही कुछ बोलें लेकिन हकीकत यह है कि राज्य पुलिस को साइडलाइन करके केंद्रीय बलों को लाया जा रहा है। इससे अटकलें तेज हो गई हैं कि अनुच्छेद 35ए को हटाया जा रहा है। यह समय एकजुट होने का है लेकिन सभी अलगाववादी नेता या तो नजरबंद हैं या फिर जेल में बंद हैं। इसलिए देश के संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी यहां के मुख्यधारा की पार्टियों की है। कहा कि चुनाव तो कभी भी हो सकते हैं और सरकार किसी की भी बन सकती है लेकिन इस समय अपनी पहचान की रक्षा करना सभी मुख्यधारा की पार्टियों की जिम्मेदारी बनती है। उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि दुख तब हुआ जब उमर ने कहा कि उन्होंने चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री से बातचीत की और यह नहीं बताया कि क्या बात हुई। पूर्व आईएएस अफसर शाह फैसल ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है।
अलर्ट बिल्कुल अलग सी चीज के लिए: उमर
कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बीच सरकार द्वारा सेना और एयरफोर्स को अलर्ट जारी होने की खबर सामने आने के बाद उमर ने ट्वीट कर आशंका जताई कि यह अलर्ट किसी बिल्कुल अलग सी चीज के लिए हो सकता है। कश्मीर में कौन सी वर्तमान परिस्थिति है जिसमें सेना और एयरफोर्स को अलर्ट पर रखने की जरूरत पड़ रही है। यह अनुच्छेद 35ए या परिसीमन निर्धारण से जुड़ा हो ऐसा नहीं हो सकता है। अगर सच में कोई ऐसा अलर्ट जारी हुआ है तो यह अवश्य किसी बिल्कुल अलग सी चीज के लिए होगा।
Comments are closed.