- देश में हर साल लगभग 30 लाख लोगों को आता है हार्ट अटैक।
- ख्यात इटालियन हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. लुका टेस्टा शहर में आयोजित कॉम्प्लेक्स कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की एक दिवसीय वर्कशॉप में शामिल हुए।
इंदौर, जुलाई 2019: सीएचएल हॉस्पिटल, इंदौर में कॉम्प्लेक्स कोरोनरी एंजियोप्लास्टी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय वर्कशॉप में इटली के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. लुका टेस्टा, एम.डी., पीएचडी उपस्थित थे और उन्होंने सीएचएल हॉस्पिटल इंदौर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश कवठेकर के साथ रोगियों का ऑपेरशन किया।
इस वर्कशॉप को सफल बनाने में डॉ. नितिन मोदी और डॉ. राजीव खरे ने भी मुख्य भूमिका निभाई।
डॉ. लुका टेस्टा कठिन एंजियोप्लास्टी जैसे सीटीओ (क्रॉनिक टोटल ओक्लुशन), बायफर्केशन और लेफ्ट मेन के विशेषज्ञ हैं। डॉ. लुका टेस्टा सैन डोनेटो हॉस्पिटल, मिलान, इटली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के हेड हैं। वह कोरोनरी एंजियोप्लास्टी और पर्क्युटेनियस एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआई) में विशेषज्ञता रखते हैं। ह्रदय उपचार के लिए उन्होंने कई नई पीढ़ी के चिकित्सा उपकरणों के रिसर्च और डेवलपमेंट पर बहुत काम किया है।
यह वर्कशॉप उन रोगियों के लिए एक अच्छा अवसर थी जिन्हें असफल एंजियोप्लास्टी के कारण उपचार की आवश्यकता थी। इस वर्कशॉप में, अत्यधिक कैल्सीफाइड ब्लॉकेज के साथ 100% ब्लॉक्ड आर्टरीज वाले उच्च जोखिम वाले रोगियों एवं वह रोगी जिनकी आर्टरी में मुश्किल क्षेत्र में ब्लॉकेज जैसे बायफर्केशन का ऑपरेशन किया गया।
डॉ. लुका टेस्टा ने कहा “अस्वस्थ जीवनशैली, खान-पान और अनुवांशिक कारणों इत्यादि से ह्रदय की बीमारियाँ होती हैं। जटिल होने से पहले हृदय रोग के लक्षणों पर ध्यान देना और जांच करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार लोग ह्रदय रोग के लक्षणों पर ध्यान नही देते और अपने स्वास्थ्य की तरफ लापरवाह हो जाते हैं। हृदय रोग के जोखिम कारकों के बारे में लोगों में जागरूकता होना बहुत महत्वपूर्ण है और मीडिया लोगों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ह्रदय रोग के जोखिम कारकों पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि समय रहते सही इलाज किया जा सके। ”
उन्होंने आगे कहा “कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की सफलता दर 90% है। यह अधिक जोखिम वाले रोगियों के लिए सबसे प्रभावी और उन्नत उपचार है। हृदय रोग से बचने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना, नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित आहार लेना चाहिए। ”
सीएचएल हॉस्पिटल इंदौर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश कवठेकर ने कहा “भारत में, हर साल लगभग 30 लाख लोगों को हार्ट अटैक आता है और वे कोरोनरी आर्टरी डीसीस से प्रभावित होते हैं और यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अब इंदौर क्षेत्र के हृदय रोगियों को बेहतर उपचार की तलाश में देश से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अब हम उन्हें शहर में ही सारी विशेषज्ञता और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विश्व स्तरीय उपचार प्रदान कर रहे हैं। रोगियों को संपूर्ण विशेषज्ञता के साथ एडवांस ट्रीटमेंट प्रदान करने और कार्डियोलॉजी के नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय रुझानों की उपलब्धता के बारे में बताने के लिए, हमने इस वर्कशॉप का आयोजन किया था।”
डॉ. कवठेकर ने आगे कहा ” आज, हमारे पास आर्टरी में अधिकांश ब्लॉकेज को ठीक करने की तकनीक है। कई ब्लॉक की जटिल स्थितियां, बायफरकेशन जिसमें दो स्टेंट की आवश्यकता होती है, मेजर साइड ब्रांच के साथ आर्टरीज़ और अनप्रोटेक्टेड लेफ्ट मैन की स्टेंटिंग जिसमें पहले केवल सर्जरी की ही आवश्यकता होती थी। अब इन स्थितियों में बिना किसी ऑपरेशन के सुरक्षित और प्रभावी ढंग से एंजियोप्लास्टी की जा सकती है और उपचार किया जा सकता है।”
डॉ. लुका टेस्टा ने कहा “अस्वस्थ जीवनशैली, खान-पान और अनुवांशिक कारणों इत्यादि से ह्रदय की बीमारियाँ होती हैं। जटिल होने से पहले हृदय रोग के लक्षणों पर ध्यान देना और जांच करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार लोग ह्रदय रोग के लक्षणों पर ध्यान नही देते और अपने स्वास्थ्य की तरफ लापरवाह हो जाते हैं। हृदय रोग के जोखिम कारकों के बारे में लोगों में जागरूकता होना बहुत महत्वपूर्ण है और मीडिया लोगों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ह्रदय रोग के जोखिम कारकों पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि समय रहते सही इलाज किया जा सके। ”
उन्होंने आगे कहा “कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की सफलता दर 90% है। यह अधिक जोखिम वाले रोगियों के लिए सबसे प्रभावी और उन्नत उपचार है। हृदय रोग से बचने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना, नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित आहार लेना चाहिए। ”
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