न्यूज़ डेस्क : अगर आप नई कार खरीदने के लिए डाउन पेमेंट की रकम नहीं जुटा पा रहे हैं तो आपके पास उसको पट्टे यानी लीज पर लेने का विकल्प है। देश की कई ऑटो कंपनियां ने नई कार को पट्टे पर देने की सुविधा शुरू की है। आप सीधे कंपनी से एक साल से लेकर पांच साल के लिए नई कार पट्टे पर ले सकते हैं। इसके लिए आपको गाड़ी की कीमत के अनुसार महीने में एक तय किराया देना होगा।
वाहन महीने का किराया
हुंड्ई क्रेटा 17,642 रुपये
महिंद्रा एसयूवी500 41,310 रुपये
ई-स्कूटर अथर450 2500 रुपये
विदेशी बाजारों में 30 फीसदी हिस्सेदारी : वर्तमान में कार लीजिंग व्यवसाय की हिस्सेदारी भारतीय ऑटो बाजार में एक फीसदी से भी कम है। अभी यह कारोबार कॉर्पोरेट सेक्टर तक ही सीमित है। वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे विकसित बाजारों में कार लीजिंग का हिस्सेदारी 30% से अधिक है। वैश्विक स्तर पर बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और पोर्श जैसे लक्जरी कार निर्माता कंपनी भी लीज पर कार देती है।
इंश्योरेंस, डैमेंज समेत सारी जिम्मेदारी कंपनी की
कंपनियां गाड़ियों को लीज पर देने के साथ ही उसका इंश्योरेंस भी कराएगी। साथ ही गाड़ी के रखरखाव की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। महिंद्रा की गाड़ी अगर आप इस योजना के तहत लेते हैं और अगर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, तो कंपनी 24 घंटे के भीतर वाहन दूसरा वाहन उपलब्ध कराएगी।
तेजी से रेंटल कार की बढ़ रही है मांग
ऑटो विशेषज्ञों का कहना है कि ईएमआई और डाउन पेमेंट से छुटकारा के साथ रीसेल में एक पैसे का नुकसान नहीं होने से लीज पर कार लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। लीज पर कार लेने में सबसे ज्यादा कॉरपोरेट में नौकरीपेशा में लगे कर्मी, डॉक्टर, सीए आदि हैं।
निजी कंपनियां भी दे रही हैं सेवाएं : नई कार लीज पर देने में ऑटो कंपनियों के साथ कई निजी कंपनियां भी बाजार में है। जूमकार, माईलीजकार, सेल्फड्राइव जैसी कंपनियां दिन, महीने या एक या दो साल के लिए रेंट पर कार उपलब्ध करा रही है। ये कंपनियां नई के साथ इस्तेमाल हुई कार को भी रेंट पर दे रही हैं।
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