उद्योग-धंधे चलाना सरकार का काम नहीं है: अग्रवाल (वेदांत चेयरमैन )

न्यूज़ डेस्क : दिग्गज कारोबारी और वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया है। अग्रवाल का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को एनएमडीसी सहित खनन क्षेत्र से जुड़ी पांच कंपनियों का निजीकरण कर देना चाहिए। उनके मुताबिक इससे भारत को हर साल कम से कम 400 अरब डॉलर की बचत होगी। यह राशि आयात पर खर्च होती है। 

 

अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती : अग्रवाल ने कहा कि, ‘उद्योग-धंधे चलाना सरकार का काम नहीं है।’ बता दें कि वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अग्रवाल ने बजट पूर्व आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि नौकरियों में छंटनी के बिना इन उद्योगों का निजीकरण करने से इनकी क्षमता बढ़ेगी एवं घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। 

 

अग्रवाल ने इन कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने को कहा : वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अग्रवाल ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि, ‘नीति आयोग की ओर से शनिवार को आयोजित बैठक में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात थी और मैंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि उद्योग- धंधे चलाना, कारोबार करना सरकार का काम नहीं है। सरकार को हिन्दुस्तान जिंक, हिन्दुस्तान कॉपर, कोलार गोल्ड, यूरेनियम कॉरपोरेशन, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और एनएमडीसी सहित कम से कम पांच कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच देनी चाहिए।’    

 

अर्थशास्त्रियों से की थी अहम मुलाकात : बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अर्थशास्त्रियों के साथ बजट से पहले हुई महत्वपूर्ण बैठक में पांच अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। नीति आयोग द्वारा आयोजित इस बैठक में 40 अर्थशास्त्रियों और अन्य एक्सपर्ट ने भाग लिया। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरी है। जनवरी-मार्च के बीच देश की विकास दर 5.8 फीसदी तक ही पहुंच सकी थी। इस बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे। 

 

इस थीम पर थी बैठक : यह बैठक ‘इकोनॉमिक पॉलिसी-द रोड अहेड’ की थीम पर आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें रोजगार और मैक्रो-इकोनॉमी, खेती व जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा व स्वास्थ्य प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री ने सभी लोगों को अर्थव्यवस्था से जुड़े जाटिल मुद्दों पर सुझाव देने पर धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी सरकार सभी मुद्दों पर दिए गए सुझावों को अमल में लाने का प्रयास करेगी। 

 

1,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा भारत का आयात खर्च : अनिल अग्रवाल ने यह भी कहा कि नौकरियों का नुकसान किए बिना कंपनियों का निजीकरण करना अच्छा तरीका है। अग्रवाल ने कहा, ‘जब हमने हिन्दुस्तान जिंक के बहुलांश शेयर खरीदे थे तो उसमें 5,000 कर्मचारी थे। आज कंपनी में 25,000 कर्मचारी हैं।’ देश में अगर तेल एवं गैस, खनिज एवं धातु का उत्पादन नहीं बढ़ाया जाता है तो भारत का आयात खर्च 400 अरब डॉलर से बढ़कर 1,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। 

 

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