झारखंड में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा

न्यूज़ डेस्क : झारखंड में जिला स्तर की नौकरियों में आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों को फिलहाल 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। पूर्व निर्धारित 50 फीसदी आरक्षण पर ही वहां नियुक्तियां होंगी, जबकि राज्य स्तर की नियुक्तियों पर गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जायेगा। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को अध्यादेश को मंजूरी दे दी।

 

कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व में राज्य और जिला स्तर पर आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों की नियुक्ति के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था। जिला स्तर पर पिछड़े वर्गों की संख्या को सूचीबद्ध किया जा रहा है। इसलिए, फिलहाल राज्य स्तर की नियुक्ति में ही अन्य आरक्षित कोटि में 50 फीसदी और गरीब सवर्णों की कोटि में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू होगा। जिला स्तर पर गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का प्रावधान लागू करने में देर होगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने कुल 18 प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी दी।

 

संविदाकर्मियों की सेवा की जायेगी नियमित, छह माह में करेंगे आवेदन: राज्य सरकार के अनियमित रूप से नियुक्त व कार्यरत संविदाकर्मियों की सेवा नियमित की जायेगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस फैसले की अधिसूचना जारी होने के साथ यह लागू हो जायेगा।

 

अधिसूचना की तारीख को कट ऑफ डेट माना जायेगा और इस तारीख से 10 साल पहले से जो काम कर रहे हैं उन्हें नियमित किया जायेगा। संविदाकर्मियों को छह महीने के अंदर आवेदन करना होगा ताकि उन्हें नियमित किया जा सके। सृजित पदों पर कार्यरत और नियमित रूप से बहाल लोगों को ही इसका लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 अप्रैल 2006 के कट ऑफ डेट से 10 साल पहले से काम कर रहे संविदाकर्मियों की सेवा नियमित की जा चुकी है।

 

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