अपने घर के मजबूत निर्माण के लिए करें कंस्ट्रक्शन केमिकल्स का उपयोग

इंदौर, 14 जून 2019: कंस्ट्रक्शन केमिकल्स के उपयोग को बढ़ावा देने और सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े ठेकेदारों,सरकारी संगठनों के सलाहकारों, इंजीनियर्स, रियल स्टेट डेवलपर, आर्किटेक्ट्स और समाज के बीच तकनीकी जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से कंस्ट्रक्शन केमिकल्स मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन( सीसीएमए) द्वारा शहर में एक दिवसीय रीजनल कंस्ट्रक्शन केमिकल्स कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कांफ्रेंस का आयोजन 14 जून2019 को होटल सयाजी में किया गया जिसमें अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रमुख कंस्ट्रक्शन केमिकल कंपनियां एकत्रित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वल्लन से हुई एवं सीसीएमए के प्रेसिडेंट डॉ. बी.एल महेश्वरी ने सभी का स्वागत किया। श्री परेश कपाड़े, फाउंडर, एनवायर्नमेंटल डिज़ाइन कंसल्टेंट्स कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।  

 

कंस्ट्रक्शन केमिकल्स मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन( सीसीएमए) एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसने इंदौर में कंस्ट्रक्शन केमिकल्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस कांफ्रेंस का आयोजन किया। कांफ्रेंस के दौरान अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रमुख कंस्ट्रक्शन केमिकल्स कंपनियों के वक्ताओं ने निम्नलिखित विषयों पर जागरूकता बढ़ाने की बात की जैसे एडमिक्सचर, रिपेयर और रिहैबिलिटेशन और प्रोटेक्टिव कोटिंग, इंडस्ट्रियल फ्लोरिंग, वाटर प्रूफिंग सिस्टम, टाइल फिक्सिंग इत्यादि। कंस्ट्रक्शन केमिकल्स मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन का ऑफिस मुंबई में स्थित है और सीसीएमए द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह के इवेंट नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। मुंबई में 5 और 6 सितंबर 2019 को एक अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।  

 

इस कांफ्रेंस में कई मल्टीनेशनल कंस्ट्रक्शन केमिकल्स कंपनियों ने भाग लिया और सीसीएमए के मंच के जरिए सभी ने अपना अनुभव साझा किया। विभिन्न प्रकार के कंस्ट्रक्शन केमिकल्स के फायदे बताए गए और तकनीकी जानकारियां दी गई। रोड, ब्रिज इत्यादि बनाते समय कॉनक्रीट में मिलाए जाने वाले एडमिक्सचर या अन्य केमिकल, अलग अलग जगहों पे मिलाए जाने वाले केमिकल से क्या फायदा मिलता है, बिल्डिंग रिपेयरिंग के समय आने वाली समस्याओं व उनके समाधान एवं इससे जुड़े इंडियन, अमेरिकन और यूरोपियन स्टैण्डर्ड भी साझा किए गए।इसके अलावा भवन निर्माण के समय किन-किन केमिकल्स का उपयोग होना चाहिए जिससे की आने वाले समय में लीकेज व अन्य समस्या न हो और भवन सालों-साल तक मज़बूत टिका रहे के बारे में बात हुई।   

 

कंस्ट्रक्शन केमिकल्स मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी श्री राकेश शाह ने बताया, “यह एक टेक्निकल अवेयरनेस प्रोग्राम था और हमने इंदौर में यह कांफ्रेंस इसीलिए आयोजित की क्योंकि यह मध्यप्रदेश का कमर्शियल कैपिटल है। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा बिल्डर्स और सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े लोगों को टेक्निकल अवेयरनेस प्रदान करना था की इंटरनेशनल मार्केट में कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी कितनी विकसित हो चुकी है एवं कौन से नए इनोवेशंस हुए हैं। कंस्ट्रक्शन फील्ड से जुड़े इंदौर के लोगों को टेक्निकल अवेयरनेस देने के लिए,भवन निर्माण में आने वाली समस्याओं से कैसे निपटा जाए और कौन से प्रोडक्ट्स का उपयोग किया जाए के बारे में जानकारी साझा की गई।“

 

उन्होंने आगे कहा, “इस इवेंट द्वारा सभी कंस्ट्रक्शन केमिकल्स के ग्राहकों एवं औद्योगिक क्षेत्रों के बीच कंस्ट्रक्शन केमिकल्स के बेहतर उपयोग, वाटर प्रूफिंग के महत्व, इत्यादि के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई  ताकि आने वाले कल में मज़बूत एवं बेहतर भवन व इमारतों का निर्माण हो सके। हम सिविल इंजीनियरिंग कम्युनिटी के ज्ञान को बढ़ावा देने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए संयुक्त प्रयास कर रहे हैं।”

 

कंस्ट्रक्शन केमिकल्स मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. बी एल महेश्वरी ने बताया, “कंस्ट्रक्शन केमिकल्स इंडस्ट्री की लगभग 17-20 प्रतिशत दर से वृद्धि हो रही है और इंदौर इस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मार्केट है। कंस्ट्रक्शन केमिकल्स बहुत किफायती कीमत पर उपलब्ध होते हैं, किसी भी घर या इमारत के कुल खर्चे का सिर्फ 1-2 प्रतिशत उसमें लगने वाले कंस्ट्रक्शन केमिकल्स का खर्च होता है जिससे काफी फायदे मिलते हैं जैसे इमारत की मजबूती, लीकेज व अन्य परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है। कंस्ट्रक्शन केमिकल्स किसी भी इमारत का बी-कॉम्प्लेक्स है जो उसे सुरक्षा और मजबूती प्रदान करता है। देश में बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, मेट्रो प्रोजेक्ट्स, रोड निर्माण, इत्यादि के साथ कंस्ट्रक्शन केमिकल्स के बारे में सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े लोगों में इसके उपयोग और तकनिकी जानकारी होना आवश्यक है ताकि वे इनका प्रयोग अपने डोमेस्टिक और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में कर सके और मज़बूत इमारतों का निर्माण कर सके।”    

Comments are closed.