चुनाव बाद 30 रुपये महंगा होकर 120 रुपये हुआ अरहर दाल

न्यूज़ डेस्क : पूरे देश में इस वक्त अरहर की दाल समेत अन्य दालों की कीमतों में 40 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। फिलहाल फुटकर बाजार में अरहर दाल 120 रुपये में मिल रही है। हालांकि देश में दालों का बफर स्टॉक है, लेकिन इसके बाद भी कीमतों में तेजी जारी है। 

 

हालांकि मंडियों में फिलहाल थोक भाव 90 रुपये से नीचे चल रहा है। ऐसे में कीमतों का बढ़ना काफी आश्चर्य लगता है। हालांकि इस साल देश में दालों का उत्पादन कम हुआ है, जिस वजह से कीमतों में उछाल जारी है। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि दालों की कीमत, खास कर अरहर दाल की कीमत असामान्य रूप से बढ़ रही है, इसकी सरकार को कोई जानकारी नहीं है। सरकार के पास इस समय दाल के पर्याप्त स्टॉक है। इसलिए दालों की कीमत बढ़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

 

उन्होंने बताया कि इस समय मंत्रालय के पास 14 लाख टन दाल का बफर स्टॉक है जबकि नेफेड के पास 20 लाख टन का स्टॉक है। यह पूछे जाने पर कि बाजार में अरहर दाल का दाम 100 रुपये के पास क्यों पहुंच गया तो उन्होने कहा कि सरकार को इस बारे में जानकारी नहीं है। इसकी जांच करायी जाएगी।

महाराष्ट्र के लातूर में 16 मई को अरहर दाल का थोक भाव 58 रुपये प्रति किलो चल रहा था। वहीं दाल मिल पर थोक भाव 85 रुपये प्रति किलो हैं। पिछली बार 2009 में इस दाल की कीमत 100 रुपये प्रति किलो के पार चली गई थी।

वहीं 2015 के शुरुआती कुछ महीनों तक इसके दाम 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए थे। दाल के थोक दाम में बढ़ोतरी से किसानों को राहत मिल रही है क्योंकि ढाई साल के बाद पहली बार तुअर के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के स्तर को पार किया है। तुअर का एमएसपी 5650 रुपये प्रति क्विंटल है। 

 

विदेश में भी बढ़े दाम : भारत के अलावा कुछ अफ्रीकी देशों और म्यांमार में तुअर दाल का उत्पादन होता है। अफ्रीकी देशों में भी इसके उत्पादन में कमी आई है। वहीं वर्ष 2015 के बाद तुअर के भाव में नरमी का रुख जारी रहने की वजह से पिछले साल किसानों ने भी तुअर की बुवाई कम की। यही वजह है पिछले एक माह में तुअर दाल के दाम में 10 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो गई है।

 

एक सप्ताह में 13 रुपये किलो महंगा : सरकारी नियंत्रण वाले केंद्रीय भंडार में भी दालों की कीमत तेजी से बढ़ रही है। वहां बीते एक जून को मूंग -धुली- दाल की कीमत 87 रुपये प्रति किलो थी जो कि शुक्रवार, सात जून को बढ़ कर 100 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। वहां उड़द दाल की कीमत भी एक सप्ताह में 72 रुपये प्रति किलो से बढ़ कर 78 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। वहां सबसे सस्ती दाल मसूर की है जो कि 67 रुपये प्रति किलो है।

 

 

चुनाव से अब तक 30 रुपये प्रति किलो महंगा : जब लोकसभा का चुनाव चल रहा था तो केंद्रीय भंडार में अरहर दाल की कीमत करीब 65 रुपये प्रति किलो थी। लेकिन इसी अवधि के दौरान इसकी कीमतों में करीब 30 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। दिल्ली के थोक बाजार के कारोबारियों का कहना है कि चुनाव के दौरान ट्रक नहीं मिलने की वजह से परिवहन लागत बढ़ी थी, इसलिए दालों की कीमतों पर असर हुआ। यह पूछे जाने पर कि प्रति किलो परिवहन लागत 30 रुपये बढ़ गई तो इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
 

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