न्यूज़ डेस्क : लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के राजभवन स्थित बूथ में वोट डाला। वोट डालने के बाद उन्होंने सात चरणों में कराए गए चुनाव के लिए आयोग पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा चुनाव प्रक्रिया इतनी लंबी नहीं होनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि इतनी गर्मी में मतदान नहीं होने चाहिए।
फरवरी-मार्च या फिर अक्तूबर-नवंबर में मतदान कराना चाहिए। वहीं, केदारनाथ में ध्यान करने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इतनी गर्मी में मतदान नहीं कराए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भी माना कि चुनाव प्रक्रिया इतनी लंबी नहीं होनी चाहिए।
चुनाव प्रक्रिया को लेकर नीतीश कुमार ने दो महत्वपूर्ण बातें कही। पहली यह कि चुनाव को लेकर एक सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए, इस पर एक सहमति बननी चाहिए और संवैधानिक व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फरवरी-मार्च या अक्टूबर-नवंबर में मतदान कराना चाहिए। साथ ही इतनी लंबी अवधि नहीं होनी चाहिए। एक चरण में चुनाव कराना आदर्श होता है, लेकिन देश अपना बड़ा है। इसलिए दो से तीन चरण में चुनाव होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश की भौगोलिक सीमाएं अलग-अलग है, ऐसे में एक बार में मतदान कराना संभव नहीं हो सकता, लेकिन दो से तीन चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनाव की प्रक्रिया इतनी लंबी होने से मतदाताओं, नेताओं, पार्टियों और कवर करने में मीडिया को भी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि अभी देख ही रहे हैं कि इतनी गर्मी में मतदाताओं को कितनी दिक्कत हो रही है। सभी को परेशानी है।
साध्वी प्रज्ञा पर कहा- साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के ‘देशभक्त’ गोडसे बयान पर ज्यादा प्रतिक्रिया देने से नीतीश कुमार बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि हमारा विजन क्लियर है, भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिकता से कोई समझौता नहीं करते हैं। कहा कि साध्वी प्रज्ञा का बयान स्वीकार करने लायक नहीं है, लेकिन कार्रवाई करना पार्टी का काम है।
विपक्ष के सरकार बनाने के दावे पर उन्होंने कहा कि 23 को जब रिजल्ट आएगा, उसके बाद ही न कोई कुछ कह पाएगा। रिजल्ट आ जाने दीजिए, सब क्लियर हो जाएगा। चुनाव प्रचार का काम खत्म हो चुका है और जनता ही मालिक है। मालूम हो कि अंतिम चरण में पटना साहिब, पाटलिपुत्र, नालंदा समेत बिहार की आठ सीटों पर मतदान है।
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