ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने भारत में अपनी नई, विश्व स्तरीय शोध पर आधारित और नवीनतम गुणवत्ता वाली डायबिटीज की दवा “रेमोग्लिफ्लोज़िन” के विश्व भर में होने वाले पहले लॉन्च की घोषणा की
भारत रेमोग्लिफ्लोज़िन का उपयोग करने वाला पहला देश है। रेमोग्लिफ्लोज़िन बिल्कुल नया, पेटेंट–संरक्षित सोडियम ग्लूकोज को–ट्रांसपोर्टर -2 (एसजीएलटी2) इन्हिबिटर है, जो टाइप-2 डायबिटीज मेलाइटसिन एडल्ट्स के उपचार में उपयोग किया जाता है। एसजीएलटी2 इन्हिबिटर दुनिया भर में स्वीकृत अत्याधुनिक, डायबिटीज–रोधी खायी जाने वाली नवीनतम दवाएं हैं, जो ग्लाइसेमिक नियंत्रण प्रदान करती हैं, वजन घटाने के लिए प्रेरित करती हैं और हृदय संबंधी जोखिमों को कम करती है l ग्लेनमार्क के रेमोग्लिफ्लोज़िन की कीमत भारत में मौजूदा एसजीएलटी2 इन्हिबिटर्स की तुलना में 50% कम है।
भारत– 16 मई, 2019: शोध पर आधारित वैश्विक एकीकृत दवा कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (ग्लेनमार्क), ने आज भारत में अपने बिल्कुल नए, पेटेंट संरक्षित और वैश्विक रूप से शोधित सोडियम ग्लूकोज को–ट्रांसपोर्टर (एसजीएलटी2) इन्हिबिटर रेमोग्लिफ़्लोज़िनटैबोनेट (रेमोग्लिफ़्लोज़िन) के लॉन्च की घोषणा की। । दवा वयस्कों में टाइप-2 डायबिटीज के उपचार में काम आती है।
एसजीएलटी2 इन्हिबिटर्स बिल्कुल नई एंटी–डायबिटिक दवाएं हैं जो कि गुर्दे के समीपस्थ नलिका में एसजीएलटी2 रिसेप्टर्स पर क्रिया करते हुए ग्लाइसेमिक नियंत्रण प्राप्त करने में मदद करती हैं, जिससे गुर्दे में ग्लूकोज की पुन: प्राप्ति रुक जाता है और मूत्र में ग्लूकोज के उत्सर्जन को बढ़ावा मिलता है। ग्लाइसेमिक नियंत्रण प्रदान करने के साथ, एसजीएलटी2 इन्हिबिटर्स वजन घटाने को प्रेरित करते हैं और हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने में मदद करते हैं।
ग्लेनमार्क दुनिया की पहली कंपनी है जिसने रेमोग्लिफ्लोज़िन लॉन्च किया है और इस अभिनव दवा का उपयोग करने वाला पहला देश भारत है। ग्लेनमार्क ने भारत में रेमोग्लिफ्लोज़िन को ब्रांड नाम “रेमो” और “रेमोजेन” के रूप में लॉन्च किया है। रेमोग्लिफ्लोज़िन एकमात्र एसजीएलटी2 इन्हिबिटर है जो सक्रिय र्मास्युटिकल इन्ग्रेडिएंट (एपीआई) से लेकर फॉर्मुलेशन तक भारत में ही निर्मित किया जाता है।
कंपनी ने रेमोग्लिफ्लोज़िन को 12.50 रुपये प्रति टैबलेट की कीमत पर लॉन्च किया है, जिसे दिन में दो बार लेना होता है। यह भारत में उपलब्ध एसजीएलटी2 इन्हिबिटर्स की तुलना में 50 प्रतिशत कम है। वर्तमान में, भारत में एसजीएलटी2 इनहिबिटर की प्रति दिन की चिकित्सा लागत लगभग 55 रुपये है, जबकि रेमोग्लिफ्लोज़िन एसजीएलटी2 इन्हिबिटर्स पर डायबिटीज रोगियों के लिए प्रति वर्ष लगभग 11,000 रुपये की बचत प्रदान करता है।
ग्लेनमार्क ने चरण-3 नैदानिक परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद रेमोग्लिफ़्लोज़िनटैबोनेट 100 मिलीग्राम के लिए रेग्युलेटरी अनुमति प्राप्त कर लिया है। इन परीक्षणों में रेमोग्लिफ़्लोज़िन ने डैपाग्लिफ़्लोज़िन के मुकाबले संपूर्ण तुलना में अच्छी प्रभावकारिता और सुरक्षा प्रोफ़ाइल का प्रदर्शन किया।
रेमोग्लिफ्लोज़िन का विश्व स्तर पर 26 नैदानिक परीक्षणों में अध्ययन किया गया है, जिसमें विभिन्न जातीयताओं के लगभग 2,500 रोगी शामिल हैं। रेमोग्लिफ्लोज़िन की खोज और विकास जापानी फर्म किसेई फार्मास्युटिकल कंपनी लिमिटेड ने किया गया था और बाद में ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन पीएलसी और ग्लेनमार्क के सहयोगी बीएचवी फार्मा द्वारा विकसित किया गया, जो उत्तरी कैरोलिना, यूएसए में स्थित एवोलिन्ट इंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। ग्लेनमार्क ने बीएचवी फार्मा के साथ लाइसेंसिंग सहयोग समझौते के माध्यम से रेमोग्लिफ़्लोज़िन को लेकर कुछ अधिकार हासिल किये और चरण-3 का नैदानिक परीक्षण किया, जिसमें किसी भी एसजीएलटी2 इन्हिबिटर के लिए किए गए परीक्षण में सबसे अधिक भारतीय रोगी शामिल थे।
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स के अध्यक्ष, इंडिया फ़ॉर्मूलेशन्स , मिडल ईस्ट और अफ्रीका ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स के सुजेश वासुदेवन ने बताया कि “विश्व स्तर पर, एसजीएलटी2 इन्हिबिटर टाइप-2 डायबिटीज की देखभाल के लिए पसंदीदा उपचार के रूप में उभर रहे हैं और ग्लेनमार्क को इस वर्ग में एक अभिनव अणु शामिल करने पर गर्व है, जो अत्याधुनिक है और बड़े पैमाने पर शोध किया गया है। ग्लेनमार्क अपेक्षाकृत कम लागत पर नवीनतम उपचार विकल्पों तक भारत में डायबिटीज रोगियों की पहुंच बनाने में अग्रणी रहा है और रेमोग्लिफ्लोज़िन के लॉन्च के साथ, कंपनी का उद्देश्य एसजीएलटी2 इन्हिबिटर्स तक रोगियों की पहुंच बढ़ाना है क्योंकि ये दवाएं प्रभावी डायबिटीज प्रबंधन के लिए लाभकारी साबित हुई हैं।”
2015 में, ग्लेनमार्क ने अपने डाईपेप्टिडिल पेप्टिडेज-4 (डीपीपी4) इन्हिबिटर टेनिलिग्लिप्टिन को ऐसी कीमत पर लॉन्च करके डायबिटीज बाजार को बदल दिया, जो उस समय भारत में उपलब्ध अन्य डीपीपी4 इन्हिबिटर्स की तुलना में लगभग 55 प्रतिशत कम थी। तब से, डीपीपी4 इनहिबिटर तक पहुंच काफी बढ़ी है और वर्तमान में देश में कई कंपनियों के टेनिलिग्लिप्टिन के 100 से अधिक ब्रांड उपलब्ध हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडेरेशंस डायबिटीज एटलस 2017 के अनुसार, भारत में लगभग 7 करोड़ 20 लाख वयस्कों के डायबिटीज से पीड़ित होने का अनुमान है।
आईक्यूवीआईए के आंकड़ों के अनुसार, भारत का डायबिटीज बाजार एमएटी मार्च 2019 तक 11,413 करोड़ अनुमानित है। एसजीएलटी2 इन्हिबिटर्स का बाजार आकार एमएटी मार्च 2019 तक 574 करोड़ अनुमानित है।
ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स के बारे में ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जीपीएल) एक शोघ–संचालित, वैश्विक, एकीकृत दवा कंपनी है। यह राजस्व के मामले में दुनिया की शीर्ष 75 फार्मा और बायोटेक कंपनियों में शामिल है (वर्ष 2018 में प्रकाशित स्क्रिप 100 रैंकिंग)। ग्लेनमार्क नए अणुओं की खोज में अग्रणी कंपनी है। ये अणु एनसीई (नई रासायनिक इकाई) और एनबीई (नई जैविक इकाई) दोनों हैं।
ग्लेनमार्क में नैदानिक विकास के विभिन्न चरणों में कई अणुओं का पता लगाया है और ऑन्कोलॉजी, त्वचाविज्ञान और श्वसन के क्षेत्रों में केंद्रित होकर काम करता है।
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