न्यूज़ डेस्क : अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन (आरकॉम) पर दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएएलटी) ने आरकॉम की अपील को स्वीकार करते हुए यह आदेश जारी किया है। इससे पहले कंपनी लगातार तीन बार से दूरसंचार विभाग को 492 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में नाकाम रही थी।
रिलायंस ने वापस ली याचिका : कर्ज के बोझ तले दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को चुनौती देने वाली अपनी याचिका को वापस ले लिया। कंपनी ने उसके खिलाफ दिवाला निपटान प्रक्रिया शुरू करने के न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी थी।
आरकॉम ने पिछले साल मई में वैश्विक दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनी एरिक्सन की याचिका पर एनसीएलटी के आदेश को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में चुनौती दी थी। हालांकि, इसके बाद फरवरी 2019 में खुद कंपनी ने दिवाला एवं ऋृण शोधन प्रक्रिया के तहत जाने का फैसला किया।
एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने 15 मई, 2018 को आरकॉम और उसकी दो अनुषंगियों इन्फ्राटेल तथा रिलायंस टेलीकॉम के खिलाफ एरिक्सन की दिवालिया याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था। न्यायाधिकरण ने कंपनी के संचालन के लिए अंतरिम निपटान पेशेवर की भी नियुक्ति की थी। लेकिन कंपनी की ओर से याचिका दायर होने के बाद एनसीएलएटी ने 30 मई, 2018 को एनसीएलटी के आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी थी।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की कंपनी ने हालांकि बाद में खुद दिवाला प्रक्रिया से गुजरने का फैसला किया है। एनसीएलएटी में सुनवाई के दौरान आरकॉम की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को कंपनी द्वारा एनसीएलटी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को वापस लेने के बारे में जानकारी दी।
एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली पीठ ने आरकॉम को अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दे दी। आरकॉम ने फरवरी 2019 में खुद दिवाला प्रक्रिया को अपनाने का फैसला किया। कंपनी ने उसकी परिसंपत्तियों की बिक्री कर बैंकों कर्ज नहीं चुका पाने के बाद यह फैसला किया।
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