न्यूज़ डेस्क : पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर अगले छह महीने तक ट्रेडिंग करने से रोक लगा दी है। सेबी ने नेशनल स्टाक एक्सचेंज से एक जगह कुछ सर्वर को विशेष लाभ पहुंचाने (को-लोकेशन) के मामले में ब्याज सहित 625 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया।
सेबी ने एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारियों रवि नारायण तथा चित्रा रामकृष्ण को पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी के साथ काम करने पर प्रतिबंध लगाया। इसके साथ ही उन पर 5 साल तक किसी भी लिस्टेड कंपनी के साथ जुड़ने पर बैन लगा दिया गया है। सेबी ने कहा कि एनएसई ने टिक बाई टिक (टीबीटी) आर्किटेक्चर लगाने से पहले इस पर पर्यप्त विचार नहीं किया था।
को-लोकेशन की जांच कर रहा था सेबी : सेबी को-लोकेशन को लेकर एनएसई पर जांच कर रही थी। दरअसल मामला ये है कि जल्दी जानकारी के लिए एनएसई के डाटा सेंटर में ट्रेडर्स के सर्वर लगाते हैं। इसके लिए एनएसई एक चार्ज लेता है। जुलाई 2016 में सेबी ने इसी को-लोकेशन और इससे होने वाली आय पर जांच के आदेश दिए थे।
सामने आई थी गंभीर चूक : सेबी के अधिकारियों ने कहा था कि मार्केट रेगुलेटर को शुरुआती जांच में एक्सचेंजों की तरफ से चुनिंदा ब्रोकर्स को प्रेफरेंशियल एक्सेस दिए जाने जैसी गंभीर चूक होने का पता चला। सेबी ने जांच में एनएसई और रिलेटेड पार्टीज के फॉर्मर और मौजूदा टॉप एग्जिक्यूटिव्स की तरफ से भी चूक होने की बात की जानकारी मिली है। रेगुलेटर ने जांच के तहत कई लोगों के स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किए हैं।
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