ऑनलाइन ट्यूशन का कारोबार गृहिणियों, बुजुर्गों और कॉलेज जाने वालों के लिये खोल रहा है बेहतरीन रास्ते
न्यूज़ डेस्क : आज के दौर में तकनीक ने हमारे काम करने के तरीकों को बदल दिया है, लेकिन कैसे! अब 9-5 नौकरी करने के ढर्रे को तोड़ना और अपने जुनून के अनुसार अपने काम का समय तय करना असामान्य बात नहीं रह गई है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण यह संभव हो पाया है। यह प्लेटफॉर्म ढेर सारे अवसरों के द्वार खोलते हैं और इसमें अच्छे–खासे पैसे कमाने की गुंजाइश है। काम करने का मतलब अब क्यूबिकल्स में बंधना और खास समय का पालन करना नहीं है। लोग अब अपने घर के सुविधाजनक माहौल से काम कर रहे हैं और साथ ही अच्छे-खासे पैसे कमा रहे हैं।
इंटरनेट के विस्तार की वजह से अब कई लोगों के लिये अपने जुनून को अच्छी तनख्वाह वाले काम में बदलने या अपनी आय को बढ़ाने तथा अतिरिक्त पैसे कमाने का अवसर खुल गया है। पढ़ी-लिखी गृहिणियां, बुजुर्ग और युवा कॉलेज स्टूडेंट्स भी कार्य क्षेत्र में आयी इस लहर का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा रहे हैं। इसके कई सारे कारण हैं कि लोग रोजगार देने वाली आम कंपनियों में काम क्यों नहीं करना चाहते। हालांकि, पढ़े-लिखे अच्छी डिग्री हासिल करने वाले लोग काम नहीं कर पाये और पैसे नहीं कमा पाये, इस बात पर विश्वास नहीं होता।
ऐसे में ही हाल के दिनों में भारत में ऑनलाइन ट्यूटरिंग के विचार ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। गुरुक्यू जैसे ऑनलाइन ट्यूशन के कई प्लेटफॉर्म हैं जिसने पूरी दुनिया के टीचर्स और स्टूडेंट्स को जोड़ने का बहुत ही अच्छा काम किया है। इन प्लेटफॉर्म्स ने मुख्य रूप से यह किया है कि उन लोगों के लिये रास्ते खोल दिये हैं जिनमें पढ़ाने का जुनून है। साथ ही उन्हें ऑनलाइन ट्यूटर्स के रूप में अच्छा पैसा कमाने में मदद की है।
भारत का एजुकेशन सेक्टर पहले से ही अच्छे टीचर्स की कमी से गुजर रहा है। ऑनलाइन ट्यूशन देने वाले इन प्लेटफॉर्म्स ने पैरेंट्स और स्टूडेंट्स के लिये अच्छे टीचर्स तक पैरेंट्स और स्टूडेंट्स के पहुंचने को संभव बनाया है। टीचर्स के लिये भी यह बहुत अच्छी व्यवस्था है क्योंकि यदि किसी ने ब्रेक लिया है तो ऐेसे लोग फिर से अपने कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। अन्य के लिये यह अपने हुनर को सही रूप में इस्तेमाल करना और उससे पैसा कमाने जैसा है।
ये एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म खासतौर से महिलाओं के लिये काफी अच्छा काम कर रहा है जोकि अपनी पसंद से होममेकर बनी हैं या फिर जिन्हें अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारियों की वजह से प्रोफेशनल लाइफ को मजबूरन छोड़ना पड़ा है। इन प्लेटफॉर्म्स पर पंजीकरण करा कर, कई सारे लोग ऑनलाइन ट्यूटर बने हैं और पैसे कमा पा रहे हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने हैं। महिलाओं के लिये यह सिर्फ आर्थिक आजादी नहीं है, बल्कि अपने परिवार में योगदान देने का संतोष भी है।
काम करने का लचीला समय और काम करते हुए सीखने का विकल्प मुहैय्या करा रहीं, कई सारी कंपनियों और स्टार्ट-अप्स ने महिलाओं के लिये अपने कॅरियर को दोबारा शुरू करना आसान बनाया है। इतना ही नहीं बुजुर्ग और कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स भी पढ़ाने के अपने जुनून को सही रूप में इस्तेमाल करने के लिये ऐसे प्लेटफॉर्म्स का लाभ उठा रहे हैं। इसमें सैलरी इस बात पर निर्भर करती है कि कोई व्यक्ति अपने कितने घंटे दे रहा है, कौन-सी क्लास है और वे कौन-सा सिलेबस पढ़ा रहे हैं और वह ग्रुप में या फिर एक स्टूडेंट को पढ़ाने में सहज हैं।
भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन एजुकेशन मार्केट है, जिसके 2016-2020 के दौरान लगभग 19 प्रतिशत की बेहतरीन सीएजीआर दर से विकसित होने का अनुमान लगाया गया था। इससे वाकई में इस बात का पता चलता है कि ऑनलाइन ट्यूटरिंग उन लोगों के लिये आकर्षक फुल टाइम या पार्ट टाइम प्रोफेशन है, जिन्हें पढ़ाना और दूसरों को गाइड करना अच्छा लगता है।
ऑनलाइन ट्यूटरिंग नवाचारों, तकनीकों तथा इंटरनेट के व्यापक प्रयोग की वजह से तेजी से विकसित हो रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि ऑनलाइन ट्यूटर का काम फायदेमंद है, बुद्धि के स्तर पर भी और आर्थिक रूप से भी। इसकी सबसे अच्छी बात है कि उन्हें अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और अलग-अलग क्षेत्रों के स्टूडेंट्स के साथ काम करने का मौका मिलता है। वन-ऑन-वन सेशन के माध्यम से वे स्टूडेंट्स को अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने में मदद करते हैं।
इसका दूसरा पहलू है कि ऑनलाइन ट्यूटरिंग प्लेटफॉर्म और तकनीकों की संख्या बढ़ने से ट्यूटर तक स्टूडेंट्स की आसान पहुंच हो रही है, जिससे बाजार को बल मिला है। गुरुक्यू जैसे प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराने की प्रक्रिया आसान है, जहां ट्यूटर्स को केवल 4 चरणों वाली टीचर स्क्रूटनी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। इसके तहत प्रवीणता की परख, एक ऑनलाइन या ऑफलाइन इंटरव्यू और बाहरी एजेंसियों द्वारा बैकग्राउंड की जांच की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्टूडेंट्स सुरक्षित हाथों में हैं। इससे ट्यूटर्स की विश्वसनीयता बढ़ती है और उनके लिये एक सशक्त स्टूडेंट बेस बनाना भी आसान होता है। इसकी वजह है कि ये प्रमाणिक ट्यूटर्स गुरुक्यू जैसे ब्रांड द्वारा समर्थित हैं।
अंतत: यह कहा जा सकता है कि चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स गृहिणियों, बुजुर्गों, कॉलेज स्टूडेंट्स और घर पर रहने वाली मांओं के लिये अपने लक्ष्य को फिर से पाने और उन्हें खुद अपना बॉस बनने में सक्षम बना रहा है। नियमित रूप से स्किल डेवलपमेंट वर्कशॉप का आयोजन करके ये लोग काफी अच्छा काम कर रहे हैं और ट्यूटर्स को अपनी टीचिंग तथा इंटरपर्सनल स्किल्स को बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं। इस तरह के प्लेटफॉर्म्स स्व-रोजगार के अवसरों के दायरे को विस्तार दे रहे हैं। साथ ही पैरेंट्स तथा स्टूडेंट्स को अपने क्षेत्र में सबसे उपयुक्त होम ट्यूटर ढूंढने का लाभ पहुंचा रहे हैं। ये प्लेटफॉर्म्स कई लोगों को इस बेहद प्रतिस्पर्धी डिजिटल क्षेत्र में अपनी जगह बनाने का शानदार मौका दे रहे हैं, वह भी उनके घर के सुविधाजनक माहौल में।
इस आलेख में उपरोक्त विचार गुरुक्यू की संस्थापक तथा सीईओ सुश्री मीनल आनंद के हैं। गुरुक्यू भारत का सबसे बेहतरीन डिजिटल प्लेटफॉर्म है जोकि स्टूडेंट्स और ट्यूटर्स को जोड़ता है ताकि भारत में गुणवत्तापूर्ण ट्यूटरिंग के आवश्यक अंतर को कम किया जा सके।
Comments are closed.