प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक नया चुनावी अभियान चालू किया है , मैं भी चौकीदार हूं ! और इसका असर यह हुआ कि बीजेपी के जितने भी नेता हैं सबने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में अपने नाम के आगे चौकीदार अमित शाह, चौकीदार मोदी लगा लिया है और मोदी ने सभी जनता से अपील की है कि वह भी देश के चौकीदार बने l परंतु क्या वाकई में सब चौकीदार हैं या हो सकते हैं ? फिलहाल यह तो चुनाव में बीजेपी का कांग्रेस के ऊपर वार है कांग्रेस का ही हथियार उपयोग करते हुए बीजेपी ने उसके ऊपर हमला किया है l क्योंकि राहुल गांधी अपनी सभाओं में नारा लगवाते है ,चौकीदार चोर है l बीजेपी इससे काफी परेशान थी और खासकर के मोदी l
यह तो माननी पड़ेगी की बीजेपी की टीम कांग्रेस के चौकीदार वाले नारे का तोड निकालने मे सफल होती दिख रही है l इसी को देखते हुए बीजेपी ने यह कैंपेन शुरू किया मैं भी चौकीदार हूं ! ताकि कांग्रेस अपनी सभाओं में चौकीदार चोर है का नारा लगाने से परहेज करें l चौकीदार का काम देख- रेख करना होता है और परन्तु वह पूर्ण रक्षा नहीं कर सकता है क्योंकि वो इतना ताकतवर नहीं होता या नाही उसकों ताकतवर बनाया जाता है और यही सच है की देश की जनता चौकीदार है वह देख -रेख तो करती है परन्तु वो रक्षा नहीं कर सकती l देश की लूट सभी पार्टिया सत्ता मे आने के बाद करती है और सभी पार्टियो ने जनता को चौकीदार ही समझा है वो हमें देख-रेख के लिए चौकीदार तो मानती है परन्तु अपना अधिकार नहीं देती और कोई भी सरकार लोकपाल की नियुक्ति नहीं करती जो की सरकार की निगरानी करे l क्योकि वो हमकों चौकीदार मानती है और आज सच मे किसी ने तो देश की जनता को उसकी सच्चाई बताने की हिम्मत दिखाई की आप देश के शासक नहीं चौकीदार हो l
परन्तु क्या युवा चौकीदार, देश के प्रधान चौकीदार से पूछ सकता है कि पिछले 45 सालों में सबसे अधिक बेरोजगारी अभी क्यों है, क्या इस देश की महिला चौकीदार देश के प्रधान चौकीदार से यह पूछ सकती है की देश में पिछले 5 सालों में इतने घरेलू हिंसा और महिलाओं पर हिंसा क्यों बढ़ गई है , क्या कोई व्यवसाय करने वाला चौकीदार, प्रधान चौकीदार से पूछ सकता है की नोटबंदी और जीएसटी से बर्बाद हुए व्यवसाय और अर्थव्यवस्था के लिए उत्तरदाई कौन है ? क्या इस देश के बेरोजगार युवा चौकीदार , प्रधान चौकीदार से यह पूछ सकते है की देश मे नए नौकरी का सृजन क्यों नहीं हो रहा l देश का व्यवसायिक संगठन यह पूछ सकता है कि पिछले 5 सालों में सबसे कम सिर्फ 40 पर्सेंट ही सेंसेक्स क्यों ग्रोथ हुआ, एक छात्र चौकीदार, प्रधान चौकीदार से यह पूछ सकता है की नई शिक्षा नीति बनाने का जो आपने 2014 में वादा किया था वह पूरा अभी तक क्यों नहीं हुआ , क्या इस देश का गरीब चौकीदार इस देश के प्रधान चौकीदार से यह पूछ सकता है देश में पिछले 5 सालों में एनपीए 7 लाख करोड तक कैसे बढ़ गए , क्या कारोबारी चौकीदार, देश के प्रधान चौकीदार से पूछ सकते हैं कि जो 3 लाख कंपनियां नोटबंदी के कारण बंद हुई उसमें बेरोजगार हो गए लोगों के रोजगार के लिए प्रधान चौकीदार ने क्या किया ?
इसका जवाब आप नहीं पूछ सकते और ना ही आपको इसका जवाब मिलेगा और ना ही वर्तमान समय मे एक चौकीदार को दूसरे चौकीदार से सवाल पूछने का हक है l कांग्रेस पार्टी पहले ही चौकीदार बन कर देश को लूट चुकी है और वह दूसरे चौकीदार को निशाना बनाती है परंतु उसका गिरेबान खुद ही बहुत काला है l अंत में आज यही विचार आया की एक चौकीदार को क्या एक चौकीदार से सब सवाल पूछने की हक हैं और अगर नहीं है तो क्या वाकई हम चौकीदार है ? देश में लोकतंत्र में हर जनता को सरकार से सवाल पूछने का अधिकार होना चाहिए और होता है परंतु जब पूरे देश को जवाब देने के बदले चौकीदार बनाया जाए और एक लंबी रेखा खींची जाए कि कोई सवाल ना करें और सवाल करने वालों को कांग्रेस वाला या गद्दार देशद्रोही माना जाए तो यह अजीब स्थिति हो जाती है और फिर हमारे मन में आता है कि क्या, मैं भी इस चौकीदार हूं ?
(संपादक)
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