ज़ी टीवी के इश्क सुभान अल्लाह में कबीर का रोल निभा रहे अदनान खान कहते हैं, ‘‘मेरी मां मुझे सबसे ज्यादा प्रेरणा देती हैं। दरअसल, मैंने अपनी मां पर एक पूरी स्क्रिप्ट लिखी है क्योंकि उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। मुझे लगता है कि जिस पल एक औरत एक बच्चे को जन्म देती है उसी पल वो एक सुपर हीरो बन जाती है। आज की दुनिया में कुछ लोग सिर्फ संदेश देने के लिए नारीवाद (फेमिनिज्म) का इस्तेमाल करते हैं लेकिन मेरा मानना है कि असली औरत वही है जिसे अपने होने पर गर्व हो और वो हमेशा अपने लिए खड़ी रहे और वही करे जो सही हो। मैं उन सभी महिलाओं का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने हमारी जिंदगी कई तरीकों से बेहतर बनाई। अंत में मेरी ओर से सभी को हैप्पी विमंेस डे।‘‘
ज़ी टीवी के ‘तुझसे है राब्ता‘ में मल्हार राणे की भूमिका निभा रहे सेहबान अज़ीम कहते हैं, ‘‘औरतें हमारी जिंदगी में अलग-अलग तरह से योगदान देती हैं और अलग-अलग भूमिकाएं निभाती हैं, साथ ही ढेर सारी जिम्मेदारियां भी पूरी करती हैं। मैं महिलाओं की इन सभी बातों की सराहना करता हूं। मैंने महिलाओं के लिए कुछ लिखा है और मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि इस सृष्टि के रचनाकार की खोज के मेरे सफर के दौरान मुझे कोई उस जैसा ही अच्छा मिल गया और वो एक औरत है। अंत में मैं सभी को, खासतौर से मेरी जिंदगी में शामिल महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं देना चाहूंगा।‘‘
ज़ी टीवी के इश्क सुभान अल्लाह में ज़ारा की भूमिका निभा रहीं ईशा सिंह कहती हैं, ‘‘आज महिलाओं ने दुनिया जीत ली है और जिंदगी के हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं। जो औरत मुझे सबसे ज्यादा प्रेरणा देती है वो है मेरी मां। मेरे लिए वो एक परफेक्ट इंसान हैं, एक दोस्त, एक पत्नी और एक आदर्श औरत हैं और मैं चाहती हूं कि मैं एक दिन उनकी तरह ही बनूं। मैं सभी महिलाओं को हैप्पी विमेंस डे कहना चाहूंगी।‘‘
ज़ी टीवी के ये तेरी गलियां में अस्मिता का रोल निभा रहीं वृषिका मेहता कहती हैं, ‘‘मेरे लिए एक आदर्श औरत वो है जो खुद पर और अपने सपनों और अरमानों में यकीन रखती है। यह अच्छी बात है कि महिलाओं और नारीवाद को सेलिब्रेट करने के लिए हमारे पास एक दिन है लेकिन साथ ही मेरा यह मानना है कि दुनिया में हर दिन इसे सेलिब्रेट किया जाना चाहिए। मेरी जिंदगी में महिलाओं का बड़ा महत्व है और मेरे दिल में उनके प्रति बहुत प्यार और सम्मान है। मैं अपनी मां के बहुत करीब हूं और अपनी बहनों के साथ ही बड़ा हुआ हूं। हमारी जिंदगी में शामिल महिलाओं के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए हमें छोटे से छोटा पल भी नहीं गंवाना चाहिए।‘‘
ज़ी टीवी के ये तेरी गलियां में ब्यूटी का रोल निभा रहीं रिनी ध्यानी कहती हैं, ‘‘एक महिला का हौसला किसी भी चीज से मजबूत होता है। इसमें हिम्मत, दृढ़ इच्छाशक्ति और जिंदगी के प्रति उत्साह और ऊर्जा शामिल होती है। मेरी मां, मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। उनकी कड़ी मेहनत और इस उम्र में भी कभी हार ना मानने वाला उनका हौसला मुझे हैरान कर देता है। मैं अपनी जिंदगी में शामिल सभी महिलाओं का सम्मान और उन्हें प्यार करता हूं। एक औरत अपने परिवार के लिए कितना कुछ करती है और जब हम उनके प्रति आभार व्यक्त करने की कोशिश करते हैं तो हमारे पास शब्द कम पड़ जाते हैं। मेरा मानना है कि वो अपने चाहने वालों के लिए जिस तरह का त्याग करती हैं, इसके लिए उन्हें सम्मानित करने के लिए एक दिन काफी नहीं है। इस अवसर पर मैं हर उस औरत को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने मुझे आज मुझे वो बनाने में योगदान निभाया, जैसी मैं आज हूं।‘‘
ज़ी टीवी के मनमोहिनी में राम का रोल निभा रहे अंकित सिवक कहते हैं, ‘‘मुझे नहीं लगता कि महिलाओं को स्पेशल महसूस कराने के लिए हमें किसी खास दिन की जरूरत है। इसका जश्न तो हर दिन मनाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि सिर्फ एक दिन उन पर तारीफों की बरसात करने से बेहतर है कि हम रोज दिल से उन्हें सराहें। मैं आदर्श नारी के विचार में यकीन नहीं रखता क्योंकि सभी अपने-अपने तरीके से परफेक्ट हैं। महिलाओं को अपनी शक्ति के प्रति विश्वास होना चाहिए और मर्दों को कम उम्र से ही उनका सम्मान करना सिखाया जाना चाहिए। मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं और मेरी जिंदगी की सबसे खास इंसान। वो मुझे हर दिन एक बेहतर इंसान बनाती हैं और हर अच्छे-बुरे वक्त में मेरा साथ देती हैं। वो हमारे पूरे परिवार का ख्याल रखती हैं। उनका प्यार, त्याग और मेरी जिंदगी में उनका योगदान अतुलनीय है। शुरुआत से लेकर अब तक उन्होंने मुझ पर जो विश्वास जताया है, वही विश्वास मुझे जिंदगी में आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है। मुझे गर्व है कि मैं उनका बेटा हूं। मैं सभी पुरुषों की ओर से उन सभी महिलाओं के प्रति आभार प्रकट करना चाहता हूं, जिनके त्याग और प्रयास अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। मैं आशा करता हूं उन सभी महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा शक्ति मिले।‘‘
ज़ी टीवी के ‘इश्क सुभान अल्लाह‘ में ज़ीनत का रोल निभा रहीं मोनिका खन्ना कहती हैं, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमारी जिंदगी में महिलाओं का महत्व बताने के लिए हमें किसी खास दिन की जरूरत है, जबकि हम हर दिन, हर समय ऐसा कर सकते हैं। हालांकि मेरा मानना है कि इस तरह का खास अवसर सभी को यह प्रेरणा देता है कि वो अपने व्यस्त शेड्यून से वक्त निकालकर महिलाओं के प्रति अपना सम्मान और प्यार जताएं और नारीत्व का जश्न मनाएं। एक आदर्श नारी वो नहीं है जो समाज के बनाए सांचे में ढलने का प्रयास करती है बल्कि वो है जो इस ढांचे को तोड़ती है और बहुत-से लोगों के लिए एक प्रेरणा बनती है। एक औरत के रूप में मैं अपनी जिंदगी सेलिब्रेट करती हूं। नारीवादी होने का मतलब पुरुषों को नीचा दिखाना नहीं होता बल्कि लिंग भेद का फर्क मिटाकर सभी के लिए समान अवसर देने के लिए अपनी आवाज उठाना होता है। मैं खुद को खुशनसीब मानती हूं कि मैं उस दौर का हिस्सा हूं, जहां ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अपनी पहचान बना रही हैं और जिनका जिंदगी में एक उद्देश्य है और जो अपना एक खास मुकाम बनाकर आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं।‘‘
राजा बेटा में पंखुड़ी का रोल निभा रहीं फेनिल उमरीगर कहती हैं, ‘‘मैं ऐसे माहौल में पली-बढ़ी हूं जहां घर की औरतों का सम्मान किया जाता है और बड़े प्यार से लड़कियों की परवरिश की जाती है। मैं चाहती हूं कि हर घर में ऐसा होना चाहिए और वो जिस खूबी से अलग-अलग भूमिकाएं निभाती हैं उसके लिए उनका सम्मान किया जाना चाहिए। इसके लिए मेरे पास है एक ही संदेश है कि हर लड़की को शिक्षा देकर सशक्त बनाएं और उन्हें पूरा समर्थन दें ताकि वे एक मजबूत इंसान बन सकें। इससे उन्हें दुनिया में अपना नाम रोशन करने और अपने फैसले लेने का आत्मविश्वास मिलेगा। मैं चाहती हूं कि सभी लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पावर मिले। हैप्पी विमेंस डे।‘‘
‘गुड्डन… तुमसे ना हो पाएगा‘ में दुर्गा का रोल निभा रहीं श्वेता महाडिक कहती हैं, ‘‘महिलाएं हर घर की नींव होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि वो सुशिक्षित और सशक्त हों। हालांकि सबसे जरूरी यह है कि उन्हें उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मान और प्यार दिया जाना चाहिए। वही तो हैं, जो सारे परिवार को बांधे रखती हैं और खुशियां और समृद्धि लाती हैं, क्योंकि वो टैलेंट की पावरहाउस हैं। एक देश के रूप में हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। मेरी ओर से सभी महिलाओं को हैप्पी विमंेस डे।‘‘
‘गुड्डन… तुमसे ना हो पाएगा‘ में गुड्डन की भूमिका निभा रहीं कनिका मान कहती हैं, ‘‘मैं खुद को बहुत खुशनसीब मानती हूं कि मेरे मां-बाप ने मेरी परवरिश एक आत्मनिर्भर लड़की के रूप में की है। हालांकि हमारे समाज में आज भी महिलाओं के प्रति सम्मान की कमी है। आज के दौर की महिलाएं आत्मनिर्भर और गर्व से भरी हैं लेकिन इसके बावजूद हमारे समाज में पुरुषों को ही परिवार का मुखिया माना जाता है। हमें सोच समझकर इस विचारधारा को बदलना होगा। हम सभी को मिलकर बदलाव की इस नई बयार को लाने के लिए काम करना होगा।‘‘
राजा बेटा में पूर्वा का रोल निभा रहीं संभाबना मोहंती कहती हैं, ‘‘मुझे लगता है कि वुमंेस डे सेलिब्रेट करना बहुत जरूरी है क्योंकि हमें अपनी सफलता और उपलब्धियों पर गर्व करने और इसका जश्न मनाने की जरूरत है। आज भारत में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई है और हमारे देश की बेहतरी के लिए निष्ठापूर्वक काम कर रही हैं। मैं चाहती हूं कि हर औरत अपनी जिंदगी में शामिल दूसरी औरतों का सम्मान करे और एक दूसरे की मदद करे। तब ही हम सही मायनों में एक सशक्त देश कहलाएंगे।‘‘
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