न्यूज़ डेस्क :25 जून, 1983 भारतीय इतिहास में उत्कीर्ण है। जो टीम कपिल देव की अगुवाई में भारत के लिए अवर्णनीय गौरव ले आई थी, वह द कपिल शर्मा शो में इस सप्ताहांत में दिखाई देगी, जो एक ऐतिहासिक एपिसोड होने का वादा करता है! कपिल देव के साथ मोहिंदर अमरनाथ, संदीप पाटिल, दिलीप वेंगसरकर, कृष्णमाचारी श्रीकांत, रोजर बिन्नी, कीर्ति आज़ाद, मदन लाल, सैयद किरमानी, बलविंदर संधू, यशपाल शर्मा और सुनील वालसो होंगे, जबकि सनी गावस्कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति महसूस कराते हुए इन सभी से जुड़ेंगे।
हालांकि वे व्यक्तिगत रूप से काफी निपुण हैं, लेकिन एक साथ होने पर, उनकी कामरेडरी, सुनहरे दिनों की तरह, अभी भी बहुतायत में दिखाई दे रही थी क्योंकि वे अपने साथियों की कहानियों से हंस—हंसकर गिर रहे थे। उन्होंने न केवल कई रहस्यों का खुलासा किया, बल्कि उपस्थित सभी के लिए विश्व कप के समय को भी जीवंत कर दिया। पता चला कि, उन दिनों, उनमें से कई अंग्रेजी में निपुण नहीं थे, और उनमें से कपिल देव भी थे। हालांकि, टीम ने कहा कि विश्व कप के दौरान, कपिल देव टीम की बैठकों को केवल अंग्रेजी में संबोधित करते थे। हालांकि टीम ने इन बातचीतों के दौरान कभी इसे सामने नहीं लाया, लेकिन जो बातचीत हुई वह यह थी कि, “कैप्टन का क्या मतलब था?” कपिल देव ने क्या कहा या उनका क्या मतलब था, यह अब तक कोई नहीं समझ पाया है। लेकिन कपिल देव ने मजाक में कहा, “भगवान का शुक्र है कि किसी को भी मेरी कही बातें समझ नहीं आई, वरना हम विश्व कप नहीं जीत पाते!”
रोजर बिन्नी से बात करते हुए, कपिल ने अंग्रेजी के अपने ज्ञान के बारे में मजाक किया। जिसके बारे में रोजर बिन्नी ने कहा कि वह के. श्रीकांत के साथ अपना कमरा साझा करते थे और इसलिए वह कभी अच्छी हिंदी नहीं सीख पाए। जिस पर के. श्रीकांत ने रोजर को गलत साबित करने के लिए हिंदी बोलना शुरू कर दिया और पूरा सेट हंस पड़ा!
लेकिन के. श्रीकांत ने जो एक बात कही, उसे सेट पर मौजूद हर किसी से तालियों की गड़गड़ाहट मिली। श्रीकांत ने कहा, “यदि भारत ने 1983 का विश्व कप जीता है, तो इसके पीछे का कारण हमारे कपिल देव हैं। 1983 का विश्व कप भारतीयों के लिए यही था … हम सड़कों पर चल सकते थे, सिर ऊंचा रखते हुए कहते थे कि हम विश्व विजेता हैं!”
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