आखिर मोदी ने पटना रैली मे टेलिप्रॉम्पटर का इस्तेमाल क्यों किया ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहचान बिना देखे लंबे भाषण देने वाले नेता की रही है. मोदी स्वतंत्रता दिवस पर भी लाल क़िले से देश को संबोधित करते हैं तो वो भाषण पढ़ते नहीं हैं बल्कि बिना देखे बोलते हैं l 

 

शनिवार को बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन एनडीए की पटना में रैली थी. रैली को संबोधित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे. किसी भी रैली में प्रधानमंत्री मोदी धाराप्रवाह बोलते हैं लेकिन पटना में जब वो लोगों को संबोधित करने उठे उनके सामने टेलिप्रॉम्पटर लगे हुए थे l

 

टेलिप्रॉम्पटर डिस्प्ले डिवाइस है जिसे वक्ता के आगे लगाया जाता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक विजुअल टेक्स्ट आते रहते हैं जिसे देखकर वक्ता बोलता है. दर्शकों को सामान्य रूप से पता नहीं चलता है कि वक्ता भाषण पढ़ रहा है या धाराप्रवाह ख़ुद से ही बोल रहा है l

 

अजय आलोक कहते हैं, ”प्रधानमंत्री ने अपनी रैलियों में टेलिप्रॉम्पटर का इस्तेमाल कोई पहली बार नहीं किया है. हाल की सभी रैलियों में वो टेलिप्रॉम्पटर का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, वो भाषण की शुरुआत स्थानीय बोलियों में करते हैं. पटना में भी उन्होंने भोजपुरी, मगही और मैथिली में बोला. ये बोलियां उन्हें नहीं आती हैं. ऐसे में इन बोलियों को वो टेलिप्रॉम्पटर के सहारे बोलते हैं l

 

मोदी टेलिप्रॉम्पटर का इस्तेमाल विदेशी दौरों में भी करते हैं. प्रधानमंत्री आम तौर पर जब इंग्लिश में बोलते हैं तो टेलिप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करते हैं. कई लोगों का ये भी कहना है कि तथ्यों में कोई ग़लती ना हो इसलिए भी मोदी ने टेलिप्रॉम्पटर का इस्तेमाल करना शुरू किया है l

 

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी मोदी के टेलिप्रॉम्पटर इस्तेमाल करने पर निशाना साधा है l लालू ने ट्वीट कर कहा है, ”हार की महान न्यायप्रिय धरा ने औक़ात दिखा दिया. योजना फ़ेल होने की बौखलाहट में आदमी कुछ भी झूठ बक सकता है. जुमले फेंक सकता है. बिहार में संभावित हार की घबहराहट से आत्मविश्वास इतना हिला हुआ है कि अब हिंदी भी “स्पीच टेलीप्रॉम्‍प्‍टर में देखकर बोलना पड़ रहा है l

 

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