इंदौर, 28 फरवरी 2019- दिन भर के दौरान यहां तक कि सप्ताहों तथा महिनों तक विभिन्न भूमिकाओं को निभाते हुए महिआएं अक्सर अपनी सेहत और स्वास्थ्य के साथ समझौता कर लेती हैं। व्यस्त कार्यक्रम जब जिम्मेदारियों के साथ मिलते हैं तो अक्सर भोजन छूट जाता है, तनाव बढ जाता है और थकान और बिमारियां बढ जाती है। अनुशासन एक स्वस्थ जीवन जीने की कुंजी है।
इसके हिस्से के रूप में, यह आवश्यक है कि ना सिर्फ खाना खाये बल्कि यह भी जरूरी है कि समय पर खाना खाया जाये। अव्यवस्थित दिनचर्या के चलते अक्सर महिलाएं बेसमय खाने और बाद में थकान का अनुभव होने की स्थिति में आ जाती हैं। अनुशासन हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। डा मधु चोपडा ने कहा, ‘‘हमारे शरीर को नियमित और समय समय पर पोषण की आवश्यकता होती है इसलिए समय पर भोजन करना महत्वपूर्ण हैं।‘‘ डॉ चोपडा के स्वास्थ्य सलाहों को आगे बढाते हुए पोषणविद् रक्षा गोयल ने कहा, ‘‘प्रतिदिन 23 बादामों का सेवन मोनोअनसैचुरेटेड वसा लेने की अनुमति देता है जो आपके हृदय को अधिक स्वस्थ बनाते हैं। वे आपके अच्छे कोलेस्ट्राल स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि वे कम कैलोरी उपचार भी करते हैं। तो अगली बार जब आप अपने बिस्किट के डिब्बे की ओर पहुँचे तो खुद को रोकें और स्वस्थ विकल्पों को प्राथमिकता दें।‘‘
आज की नारी विश्वास से ओतप्रोत, खुद पर भरोसा रखने वाली और हर चीज में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार है। अंतर्राष्टीय महिला दिवस पर नारीत्व का जश्न मनाते हुए अभिनेत्री प्रियंका चोपडा की मां मधु चोपडा ने टिप्स दिए कि किस प्रकार महिला दिवस और प्रत्येक दिन पर हमें स्वस्थ रहने को प्राथमिकता देनी चाहिए। डा मधु चोपडा के विश्लेषण के अनुसार, ‘‘महिलाओं के रूप में , हम हमेशा अपने आप के सबसे अंत में रखते हैं। कोई फर्क नहीं पडता कि हम कितने व्यस्त हैं, भोजन छोडना कभी भी उचित नहीं है क्योंकि प्रत्येक भोजन आपके पोषण और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। एक कामकाजी महिला और दो बच्चों की मां के रूप में, मैंने यह निधार्रित किया है कि दिन भर स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक भोजन लिया जाये। मैं सुनिश्चित करती हूँ कि मैं हमेशा मुठ्ठी भर बादाम का डिब्बा अपने साथ रखूं। ये मेरी तेज भूख को शांत कर मेरी भूख को तृप्त करते हैं। हमारे चोपडा हाउस में यह नियम है कि किसी को भी, किसी भी समय भोजन को छोडना या संतुलित आहार के अतिरिक्त अन्य किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार, किसी के स्वास्थ्य को व्यवस्थित करने और ऊर्जावान रहने के लिए पहला कदम यह है कि प्रत्येक भोजन और नाश्ता पौष्टिक और स्वस्थ होना चाहिए।‘‘
काम पर लंबा दिन हो या नाश्ते के लिए एक मजबूत लालसा, अस्वास्थ्यकर और कैलोरी घने खाद्य पदार्थों का सेवन करना नियमित रूप से दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है। डा मधु चोपडा ने कहा, ‘‘मैं अक्सर देखती हॅू कि लोग बोरियत से जूझते हैं या जब उन्हें तनाव होता है। पोषण विशेषज्ञों की बात पर ध्यान दे कि जब आपको लगता है आपने कुछ अस्वास्थ्यकर खाया है तो आपको पानी की एक बोतल बाहर निकाल ले। मैं साधारण नाश्ता पसंद करती हूँ जैसे गुड या अपनी पसंदीदा हर्ब्स में बादामों को मिला कर खाना। मुझे बादामों को अपने सलाद का हिस्सा बनाना भी अच्छा लगता है। ये ना सिर्फ मुझे एक प्यारा कुरकुरापन देते है बल्कि मेरी भूख को भी शान्त करते हैं। ‘‘एक फिट शरीर और सक्रिय दिमाग अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य की भलाई सुनिश्चित करने की यात्रा में, खुद के अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित करना आवश्क है। डॉ मधु चोपडा ने कहा, ‘‘आपको फिटनेस सुनिश्चत करने के लिए — आहार या कठिन कसरत की दिनचर्या की आवश्यकता नहीं है। शारीरिक गतिविधि के लिए हर दिन कुछ समय निकाले। यदि आप एक अच्छी चुनौती के लिए तैयार है तो टेनिस या तैराकी जैसे खेल को अपनाएं। न केवल आप फिटर बॉडी बनाए रखेंगें, आपको खुशी भी महसूस होगी।‘‘
प्रत्येक महिला को दिन में एक बार अपने लिए समय निकाल कर आराम करने और अपने शौक के लिए समय निकालना चाहिए। एक विस्तृत नियोजित छुट्टियां या किताबों की दुकान पर जाने से रोजाना के जीवन की मारामारी से राहत पाई जा सकती है। अच्छे समय के बारे में बताते हुए डॉ मधु चोपडा ने कहा, ‘‘अपने दैनिक कार्यक्रम के लिए कुछ समय निकालिए। अपने गैरेज में रखे पेंट के डिब्बे की धूल झंडें, मैराथन में दौडे, लडकियों के साथ छुट्टी पर जायें….. विकल्प अनेक है। आप बहुत प्यार के लायक है। आखिरकार अपनी व्यस्त जीवनशैली से एक ब्रेक ले और खुद पर ध्यान दें।‘‘
अपने बच्चों को परिपक्व होते देखना, वयस्क बनने की यात्रा का एक हिस्सा है। जैसे-जैस बच्चे बडे होते हैं, समय के साथ उनकी प्रतिबद्वताओं और पोषण संबंधी आवश्यकतओं की सूची बढती जाती है। डॉ मधु चोपडा ने कहा, ‘‘प्रियंका को कई परियोजनाओं में संलिप्त देखना उसकी यात्रा का एक हिस्सा था जो मेरे लिए एक अनूठा अनुभव रहा। मां होने के नाते, मैं सुनिश्चित करती हूँ कि उसके पास सही तरह का भोजन हो। बादाम जैसे स्वास्थ्यवर्धक तत्व उसके दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, चाहे सुबह मूसली का कटोरा हो, चाहे कसरत के बाद का नाश्ता है या घर पर रात के खाने के समय के समय।‘‘
आपके जैसे बहुमुखी महिलाओं के सिर्फ पोषण तत्व और स्वास्थ्य के लायक है। इन साधारण टिप्स को दिमाग में रखें और एक स्वस्थ और प्रसन्नचित्त भविष्य का अपनायें। महिला दिवस की बधाई।
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