वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिसंबर में जारी नियमों में बेहद सफाई से छूट और कैशबैक के खेल पर लगाम कसी गई है। आर्थिक विशेषज्ञ रामानुज के मुताबिकए अब ई.कॉमर्स कंपनियों की जिन चुनिंदा विक्रेताओं के साथ हिस्सेदारी होगी उनके माल अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएंगी। ई.कॉमर्स क्षेत्र में शुक्रवार से नए एफडीआई नियम लागू हो जाएंगेए जिसके बाद फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियां अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अप्रत्याशित छूट और कैशबैक की लुभावनी पेशकश नहीं दे सकेंगी। देश के खुदरा कारोबारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद सरकार ने यह नियम लागू किया है।
सीधे तौर पर ई.कॉमर्स कंपनियां जब तक ऐसी हिस्सेदारी खत्म नहीं करती हैंए तब तक वह माल बेचने की हकदार नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि पूर्ण स्वामित्व वाली थोक कंपनियों से 25 फीसदी से अधिक माल नहीं खरीदा जा सकेगाए जबकि शेष 75 फीसदी माल विक्रेताओं को दूसरी कंपनियों से खरीदना होगा। इससे लागत बढ़ेगी और बड़ी छूट का खेल बंद हो जाएगा।
निष्पक्ष होगी बिक्री
विशेषज्ञ के अनुसार नए नियमों में निष्पक्ष तरीके से बिक्री की बात कही गई है। ऐसे में कोई भी ई.कॉमर्स पर चुनिंदा विक्रेता व्यक्तिगत तौर पर कैशबैक ऑफर नहीं दे सकेंगे। किसी भी ब्रांड और ई.मार्केट प्लेस के बीच ऑनलाइन होने वाले विशेष सौदेबाजी पर पाबंदी लगा दी गई है।
कोई ब्रांड अपना माल सिर्फ एक ही प्लेटफॉर्म यानी फ्लिपकार्ट या अमेजन पर भारी छूट के साथ नहीं बेच सकेगा। उपभोक्ताओं को तत्काल या जल्द सामग्री भेजने जैसे ऑफर पेश करने वाली सेवाओं को भी भेदभावपूर्ण माना जाएगा।
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