बांग्लादेश आमचुनाव में शेख हसीना की पार्टी को बड़ी सफलता, चौथी बार बनेंगी प्रधानमंत्री

ढाका। बांग्लादेश में रविवार को संपन्न हुए आम चुनावों में प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने तीसरी बार शानदार विजय हासिल की है। वहीं, नतीजों को खारिज करते हुए विपक्षी गठबंधन ने नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। इससे पहले मतदान के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव से जुड़ी हिंसा में कम से कम 17 लोग मारे गए थे। मीडिया में आई खबरों के अनुसार सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 300 सदस्यीय सदन में 260 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की। स्थानीय डीबीसी टीवी ने 300 में से 299 सीटों के नतीजे दिखाए।

सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 266 सीटें जीतीं जबकि उसकी सहयोगी जातीय पार्टी ने 21 सीटें हासिल कीं। विपक्षी नेशनल यूनिटी फ्रंट (यूएनएफ) को सिर्फ सात सीटों पर जीत मिली। यूएनएफ में बीएनपी मुख्य घटक थी। स्थानीय मीडिया के अनुसार निर्दलीय उम्मीदवारों को दो सीटों पर कामयाबी मिली। एक उम्मीदवार की मृत्यु हो जाने की वजह से एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था। चुनाव आयोग ने दक्षिण पश्चिम गोपालगंज सीट के पूरे नतीजे की पुष्टि की। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दो लाख 29 हजार 539 मतों से जीत दर्ज की, जबकि विपक्षी बीएनपी के उम्मीदवार को मात्र 123 वोट मिले।

बांग्लादेश के विपक्षी एनयूएफ गठबंधन ने आम चुनाव के नतीजों को खारिज कर दिया और एक निष्पक्ष कार्यवाहक सरकार के तहत नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की। नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ) में बीएनपी, गोनो फोरम, जातीय समाज तांत्रिक दल-जेएसडी, नागरिक ओइका और कृषक श्रमिक जनता लीग घटक दल हैं। शुरुआती नतीजों में अवामी लीग के नेतृत्व वाले महागठबंधन की जीत का संकेत मिलने के बाद एनयूएफ के संयोजक और वरिष्ठ वकील कमल हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, हम नतीजों को खारिज करते हैं और निष्पक्ष सरकार के तहत नए सिरे से चुनाव कराने की मांग करते हैं।

हुसैन गोनो फोरम पार्टी के प्रमुख हैं। हुसैन ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया, हम आपसे इस चुनाव को तुरंत रद्द करने की मांग करते हैं। उन्होंने दावा किया, हमें खबर मिली है कि सभी मतदान केंद्रों पर फर्जीवाड़ा हुआ है। बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरूल इस्लाम आलमगीर ने चुनाव को ‘क्रूर मजाक’ बताया। वह अपनी उत्तर पश्चिमी सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अनुपस्थिति में वही पार्टी की कमान संभाल रहे हैं।

इन नतीजों के बाद जहां शेख हसीना चौथी बार देश की प्रधानमंत्री बनेंगी वहीं उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया ढाका जेल में अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही हैं। वह कथित तौर पर आंशिक रूप से लकवाग्रस्त भी हैं। मतदान कल सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक कराए गए थे। मतदान के दौरान हिंसा की काफी घटनाएं हुई थीं। खबरों के अनुसार चुनाव संबंधी हिंसा में आठ जिलों में सुरक्षा एजेंसी के एक सदस्य समेत कम से कम 17 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। खबरों के अनुसार मरने वालों में ज्यादातर सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता थे जबकि अन्य लोगों में विपक्षी बीएनपी या उसके सहयोगी दलों के कार्यकर्ता भी शामिल थे।

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