नई दिल्ली। बिजली क्षेत्र को आवंटित होने वाले कोयले में अप्रैल-नवंबर के बीच 20 फीसदी की गिरावट आई है। सरकारी कंपनी कोल इंडिया की विशेष ई-नीलामी के जरिये बिजली क्षेत्र को आवंटित होने वाले कोयले में गिरावट आई है। कोल इंडिया ने अप्रैल-नवंबर 2018 के दौरान 2.19 करोड़ टन कोयला आवंटित किया। एक साल पहले की इसी अवधि में तुलना में इसमें 20.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल-नवंबर 2017 के दौरान कोल इंडिया ने बिजली कंपनियों को 2.74 करोड़ टन कोयला आवंटित किया था।
कोयला मंत्रालय की ओर से मंत्रिमंडल के लिये तैयार की गयी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2018 में सालाना आधार पर कोयला आवंटन 51.7 प्रतिशत गिरकर 15.3 लाख टन रह गया। कोल इंडिया ने कहा था कि वह चालू वित्त वर्ष में विशेष नीलामी प्रक्रिया के तहत 4.5 करोड़ टन कोयले की पेशकश करेगी। सरकार ने हाल ही में कहा था कि उसे पूर्व में आवंटित कोयला खानों से नये साल में कोयला उत्पादन अधिक रहने की उम्मीद है।
साथ ही उसकी योजना सरकारी कोयला कंपनी कोल इंडिया को 2019 में 10 और कोयले की खान आवंटित करने की है। अब तक कुल 85 कोयला खानों का आवंटन किया गया है, जिनमें से 23 ने उत्पादन शुरू भी कर दिया है। कोयला मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष में या अगले वित्त वर्ष के शुरू में 20 और खानों में उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है।
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