भोपाल। मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्य मंत्री कमलनाथ के आसपास खास पदों पर दागी और पूर्व सरकार के विश्वासपात्र अफसरों की तैनाती ने सत्ता के गलियारों में खलबली मचा दी है। कांग्रेस संगठन और राजनीतिक हलकों में कमलनाथ द्वारा की गई नियुक्तियों की चर्चा हो रही है।
कहा जा रहा है कि जिन दागदार अफसरों के कारण मध्य प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आलोचना होती थी। वे ही अब अंगद के पेअर की तरह जम गए हैं।
कई योजनाओं में भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपी अधिकारी लगभग वैसी ही नियुक्ति के साथ नए मुख्यमंत्री कमलनाथ के आसपास चौकड़ी जमाकर बैठ गए हैं। इनमें से कुछ का शिवराज सिंह चौहान की सत्ता की किचन कैबिनेट में अहम योगदान था। कमलनाथ इस बुराई से तो बचे हुए हैं लेकिन उनके आस-पास हो रही नियुक्तियों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल गिर रहा है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इन नियुक्तियों के पीछे एक पूर्व मुख्य सचिव की भूमिका है, जो कमलनाथ के निजी स्टाफ में लगभग कई वर्षों तक रहे हैं। जिन अफसरों को तैनात किया गया है उन्होंने अपने पसंदीदा अधिकारियों और कर्मचारियों को खास जगह नियुक्त करवाने की कवायद शुरू कर दी है। बताया जाता है कि कुछ दागी अफसर अपने ऊपर लगे आरोपों से बचने के लिए मुख्यमंत्री के आसपास जम गए हैं। सूचना के अधिकार के लिए कार्यरत कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिन अफसरों के खिलाफ उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाई थी अब उन्हें फिर से महत्वपूर्ण पदों पर बिठा दिए गया हैं। इससे भ्रष्टाचार को लेकर वचन पत्र में किए गए वादों पर भी विपरीत असर पड़ेगा। कुछ अफसर अपने फैसलों से भी मुख्यमंत्री को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
बताया गया है कि बिजली का पहले कृत्रिम अभाव पैदा किया गया और जब मुख्यमंत्री ने अफसरों की खिंचाई की तो तत्परता दिखाते हुए पूरे प्रदेश में पहली बार 27 दिसंबर को सर्वाधिक बिजली प्रदाय की गई। यह तत्परता मुख्यमंत्री की नजरों में आने के लिए है,अथवा पूरे समय यही रवैया रहने वाला है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो मुख्यमंत्री के आस पास हो रही नियुक्तियों से कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ गई है। शिवराज मंत्रिमंडल के बहुत खास अधिकारी जिनके कार्यकाल उन्होंने बढ़ाए थे उन्हें भी महत्वपूर्ण पदों पर तैनात करने की कमलनाथ की कौन सी मजबूरी है यह किसी को समझ नहीं आ रहा है।
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