नई दिल्ली। आने वाले दिनों में रिलायंस जियो यूजर्स को सर्विस में दिक्कत हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जियो के मुख्य मार्केट जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र और वेस्ट बंगाल में अगर जियो रिलायंस कम्यूनिकेशन से स्पेक्ट्रम खरीदने मे असफल रहती है तो यूजर्स को परेशानी होगी। बताया जा रहा है कि ऐसी स्थिति में रिलायंस कम्यूनिकेशन दिवालिया भी हो सकती है।
अभी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो इनफोकॉम प्रीमियम 800 एमएचजेड बैंड में पांच यूनिट्स स्पेक्ट्रम मिलाने के लिए रिलायंस कम्यूनिकेशन पर निर्भर है। ये स्पेक्ट्रम आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तामिलनाडु और केरल में 4जी एलईटी सर्विस के लिए बेसिक है। इनमें से हर सर्कल में रिलायंस जियो के पास 800 एमएचजेड बैंड के अंतर्गत 4जी एयरवेव्स के 3.8 यूनिट्स है, लेकिन कंपनी बेहतर 4जी एलईटी कनेक्टिविटी के लिए आरकॉम पर निर्भर है।
कुल मिलाकर यहां है कि अगर रिलायंस जियो और रिलायंस कम्यूनिकेशन के बीच स्पेक्ट्रम को लेकर ये डील नहीं हुई तो दोनों ही कंपनियों को नुकसान होगा। जियो के कस्टमर्स को मुश्किल होगी, क्योंकि इस डील से 4जी एलटीई कवरेज और कनेक्विटी बेहतर रहेगी, वर्ना ओवरऑल क्वॉलिटी में फर्क पड़ेगा। इनमें मुंबई, गुजरात, असम और नॉर्थ ईस्ट शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस डील में रूकावट भी आ सकती है। क्योंकि अगर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन दिवालियापन की प्रोसीडिंग में जाती है तो जियो के साथ आरकॉम स्पेक्ट्रम शेयर नहीं कर पाएगा। इस रिपोर्ट् के मुताबिक एक्स्पर्ट्स सरकारी रेग्यूलेशन के हवाले से कहते हैं कि दो कंपनियों के बीच तब ही स्पेक्ट्रम शेयर किए जाते हैं जब दोनों एक बैंड पर नेटवर्क चला रहे हैं। आरकॉम ने पहले ही अपनी वायरलेस सर्विस बंद कर दी है।
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