मेरी तो लव-मैरिज ही होगी: श्रद्धा आर्य
ज़ी टीवी पर रात 9.30 बजे प्रसारित हो रहा नया प्राइमटाइम ड्रामा ‘कुंडली भाग्य‘ की लीडिंग लेडी श्रद्धा आर्य ने बताया कि इस शो की कौन-सी खूबी ने इसे दर्शकों के बीच फौरन लोकप्रिय बना दिया है। इसके अलावा उन्होंने अपने रोल और अपने शौक के अलावा और भी कई अन्य बातों पर चर्चा की…
-प्रीता के रोल के लिए आपने क्या तैयारी की?
मैं बहुत पॉजिटिव इंसान हूं (कितनी झूठी हैं!), तो मेरे लिए इस तरह के पॉजिटिव रोल्स करना बहुत आसान है, क्योंकि इसमें मुझे किसी तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती। दरअसल, नेगेटिव रोल निभाने के लिए ज्यादा तैयारी करनी पड़ती है, जैसा कि ड्रीमगर्ल में मेरा पिछला रोल था। लोग कहते हैं कि वे इस शो में मेरे किरदार के साथ वक्त गुजारना पसंद करेंगे लेकिन दूर से ही। यहां मैं प्रीता के रूप में दर्शकों से तुरंत जुड़ जाती हूं क्योंकि वह एक व्यवहारिक और मध्यम वर्ग की लड़की है जिसके अपने उसूल और आदर्श हैं।
-क्या आप और आपके किरदार प्रीता में कुछ समानताएं हैं?
मेरा व्यक्तित्व प्रीता से बिल्कुल नहीं मिलता (पहले जवाब के बिल्कुल अलग) है लेकिन मेरी बहन (दिव्या आर्य) बहुत कुछ उसके जैसी है। वह बहुत सीधी-सादी है और उसके कोई बहुत बड़े सपने भी नहीं है। वह अपनी जिंदगी में बहुत खुश और संतुष्ट रहती है। उसे किसी भी तरह के ऐशो-आराम की ख्वाहिश नहीं है। किसी भी तरह का ग्लैमर और चकाचैंध उसे आकर्षित नहीं करता। दूसरी और मैं सपनों में जीती हूं। मेरे सपने लगातार बदलते रहते हैं। मैं हर दिन एक नया सपना देखती हूं।
-एक एक्टर होने का दबाव किस तरह संभालती हैं?
एक डेली सोप की एक्टर होने का बहुत दबाव होता है। शुरुआत में जब आप रोज 12 घंटे और सातों दिन तक शूटिंग करते हैं तो यह बहुत थका देने वाला अनुभव होता है, लेकिन वक्त के साथ आप इसके आदी हो जाते हैं। फिर आपको इसमें मजा आने लगता है। जब आप अपने को-एक्टर और बाकी सदस्यों के साथ रोज लंबे समय तक काम करते हैं तो आप एक बड़े परिवार की तरह हो जाते हैं। तो जब भी आप सेट पर नहीं होते हैं, आपको इसकी याद आने लगती है।
-व्यक्तिगत रूप से आप शादी के बंधन में कब बंधने जा रही हैं?
मुझे लगता है यह कभी ना कभी जरूर होगी। मेरा मानना है कि इसकी तैयारी जारी है, लेकिन मेरे लिए यह सिर्फ लव मैरिज होगी।
-इसके अलावा आपके और क्या शौक हैं?
मैं किताबें पढ़ना बहुत पसंद करती हूं, खासतौर से तब जब मैं बीच के लॉउंज पर होती हूं। एक और बात जो मुझे बहुत खुशी देती है वह है अपनी भतीजी और भतीजे के साथ वक्त गुजारना, जो दिल्ली में रहते हैं।
– आप दिल्ली से हैं। जब भी आप शूटिंग के सिलसिले में या काम के लिए अपने शहर वापस आती हैं तो वहां आप क्या करना पसंद करती हैं?
जब भी मैं दिल्ली जाती हूं मैं सरोजिनी नगर मार्केट जरूर जाती हूं। मुझे जनपद की सड़कों पर शॉपिंग करना बहुत अच्छा लगता है। मुझे खाना भी बहुत पसंद है और मैं कई तरह की चीजें खाती हूं। जब मैं दिल्ली आती हूं तो मैं हमेशा ही अमृतसरी कुलचा और पतीले वाले चावल खाती हूं।
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